
लता दीदी की चिता को जलते नहीं देख सकता था... रोता हुआ वापस लौट आया, बोले राहुल वैद्य
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राहुल वैद्य ने कहा- जब उन्होंने तिरंगा हटाया, चंदन की लकड़ी के टुकड़ों में उनके पार्थिव शरीर को रखते हुए देखना मुश्किल पल था. ये असमान्य फीलिंग थी. मेरा गला भर आया था. सच कहूं तो चिता को आग देने से पहले मैं वहां से चला आया था. क्योंकि मैं ऐसी चीजें नहीं देख सकता था. तो मैं झुका, उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें आग लगाने से पहले चला गया.
लेजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर निधन के बाद म्यूजिक इंडस्ट्री में जो सूनापन छोड़ गई हैं, उसे कभी नहीं भरा जा सकता. सिंगर राहुल वैद्य भी स्वर कोकिला के निधन से काफी दुखी हैं. राहुल शिवाजी पार्क में लता दीदी को अंतिम विदाई देने गए थे. लेकिन क्या आप जाते हैं लता मंगेशकर की चिता पर आग लगने से पहले राहुल वहां से चले गए थे.

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