
रूस-सऊदी ने मिलकर लिया ऐसा फैसला, अमेरिका होगा खफा, भारत की भी बढ़ेगी चिंता
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ओपेक प्लस के सदस्य सऊदी अरब और रूस ने मिलकर फैसला किया है कि वो तेल उत्पादन में कटौती करेंगे. दोनों देशों ने आने वाले समय में 13 लाख बैरल कच्चे तेल की कटौती का फैसला किया है. इस खबर के आते ही तेल बाजार में तेल का दाम बहुत अधिक बढ़ गया है.
वैश्विक बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों के बीच सऊदी अरब और रूस ने मिलकर एक बार फिर से तेल उत्पादन में कटौती का फैसला किया है. मंगलवार को दोनों देशों ने इस साल के अंत तक कच्चे तेल का उत्पादन 13 लाख बैरल कम करने पर सहमति जताई. सऊदी और रूस की इस घोषणा के साथ ही वैश्विक तेल बाजार में तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला.
समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी और रूस की तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया. पिछले साल नवंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमत कभी इतनी ऊपर नहीं गई थी. सऊदी-रूस के इस कदम से वैश्विक बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी.
तेल उत्पादन में कटौती को लेकर सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्ते पहले ही नाजुक दौर से गुजर रहे थे, इस घोषणा के बाद से संबंधों के और खराब होने की संभावना है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल सऊदी अरब को तेल उत्पादन में कटौती को लेकर चेतावनी दी थी. अमेरिका ने सऊदी को चेतावनी देते हुए कहा था कि रूस के साथ मिलकर तेल उत्पादन में कटौती के गंभीर परिणाम होंगे.
तेल कटौती को लेकर सऊदी अरब ने क्या कहा?
सऊदी अरब की सरकारी न्यूज एजेंसी सऊदी प्रेस एजेंसी की तरफ से तेल उत्पादन में कटौती को लेकर घोषणा की गई. घोषणा में कहा गया कि देश अभी भी तेल बाजार की निगरानी कर रहा है और यदि जरूरत पड़ी तो आगे तेल कटौती को जारी रखेगा.
सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट में ऊर्जा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा गया, 'तेल उत्पादन में यह अतिरिक्त स्वैच्छिक कटौती तेल बाजारों की स्थिरता और संतुलन के उद्देश्य से ओपेक+ देशों ने की है.'

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