
'ये थूक कर चाटने जैसा', 2000 के नोटों की वापसी पर भड़के CM बघेल
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रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोट वापस लेने का ऐलान कर दिया है जिसके बाद इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ये फैसला थूक के चाटने जैसा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो हजार रुपये के नोट वापस लेने का ऐलान कर दिया है. आरबीआई ने साफ किया है कि ये नोट वैध रहेंगे और 23 मई से 30 सितंबर के बीच इन्हें किसी भी बैंक से बदला जा सकेगा. आरबीआई की ओर से दो हजार रुपये के नोट वापस मंगाने के ऐलान के बाद इसे लेकर अब सियासत तेज हो गई है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ के सीएम ने दो हजार रुपये के नोट वापस मंगाने के फैसले को थूककर चाटने जैसा बताया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भूपेश बघेल ने रिजर्व बैंक और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला है.
भूपेश बघेल ने कहा है कि जब 2016 में दो हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे, दावा किया गया था कि इनका उपयोग काला धन के रूप में नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि ये नोट काला धन रोकने के लिए जारी किए गए थे. बघेल ने तंज करते हुए कहा कि काला धन तो नहीं खत्म हुआ लेकिन ये नोट जरूर वापस ले लिए गए.
उन्होंने कहा कि हम रिजर्व बैंक से पूछना चाहते हैं कि दो हजार रुपये के नोट क्यों वापस लिए जा रहे हैं? भूपेश बघेल ने कहा कि आप इसकी छपाई पहले ही साल 2019 में ही बंद कर चुके हैं. लेकिन साल 2023 में इसे चलन से बाहर करना ये बताता है कि आपने सात साल में अपना फैसला बदल दिया. उन्होंने कहा कि ये थूक के चाटने जैसा है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर को जनता के पैसे के दुरुपयोग को लेकर सफाई देनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि एक आर्टिकल के मुताबिक इन नोट की छपाई पर करीब 1600 से 1700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. सीएम बघेल ने कहा कि ये कर देने वालों के पैसे का दुरुपयोग है. अब उनको ये बताना चाहिए कि कौन सी नोट जारी करने की योजना है.
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