यूक्रेन से लौटे भारतीय स्टूडेंट्स की मदद के लिए रूसी यूनिवर्सिटीज आईं आगे, दिल्ली में हेल्प डेस्क स्थापित
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रूसी विश्वविद्यालय आगे आए हैं और यूक्रेन से लौटे भारतीय स्टूडेंट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटी में दाखिले की पेशकश कर रहे हैं ताकि उनकी मेडिकल की पढ़ाई पूरी हो सके. रूसी शिक्षा मेला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुरू हुआ है, जहां रूस ने यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को परामर्श प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क और स्टॉल स्थापित किया है.
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के चलते बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स वतन वापस लौट आए थे, जिसके बाद उनके भविष्य को लेकर दुविधा बनी हुई है. अब कई रूसी विश्वविद्यालय मेडिकल एजुकेशन को जारी रखने के लिए भारतीय छात्रों को मदद की पेशकश की है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार ने कहा है कि यूक्रेन से लौटे इन भारतीय छात्रों का मामला विचाराधीन है. वहीं, छात्र जबरदस्त तनाव में हैं और अपना भविष्य नहीं ढूंढ पा रहे हैं. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच इस साल की शुरुआत में शुरू हुए युद्ध ने तकरीबन 20000 भारतीय छात्रों को अनिश्चितता में छोड़ दिया है जो यूक्रेन के कई विश्वविद्यालयों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे.
अब रूसी विश्वविद्यालय आगे आए हैं और उन्हें अलग-अलग यूनिवर्सिटी में दाखिले की पेशकश कर रहे हैं ताकि उनकी मेडिकल की पढ़ाई पूरी हो सके. रूसी शिक्षा मेला 2020 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुरू हुआ है, जहां रूस ने यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को परामर्श प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क और स्टॉल स्थापित किया है. फैज और प्रियंका यूक्रेन के विनित्सिया मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स थे. सेकंड ईयर के ये स्टूडेंट्स इस साल की शुरुआत में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के चलते वापस देश लौट आए थे.
फैज को अब रूस के मारी मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया है, जिसके बाद वह काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, ''जब मैं वापस लौटकर आया तब से अब तक किसी ने हमारी चिंताओं का जवाब नहीं दिया. हमारे लिए कोई भी उम्मीद नहीं बची थी, लेकिन आखिरकार रूसी यूनिवर्सिटीज ने अपने यहां एडमिशन ऑफर किया, जिससे हमें उम्मीद है कि हम एक अच्छे डॉक्टर बन सकेंगे.''
एक अन्य स्टूडेंट प्रियंका का कहना है कि वह अपने भविष्य को लेकर डिप्रेशन में थी और भविष्य को लेकर चिंता हो रही थी. प्रियंका ने बताया कि उन्हें अब रूसी यूनिवर्सिटीज एडमिशन ऑफर कर रही हैं और वह यह मैसेज यूक्रेन से पढ़कर वापस लौटे दोस्तों को दे रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके और माता-पिता के लिए काफी कठिन समय था.
रूसी दूतावास के मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने जून में पहले कहा था कि रूस उन भारतीय छात्रों को समायोजित करने के लिए तैयार है जो यूक्रेन में पढ़ रहे थे. रूसी विश्वविद्यालयों और उनके प्रतिनिधियों ने उन भारतीय मेडिकल छात्रों की मदद के लिए नई दिल्ली में एक हेल्प डेस्क स्थापित किया है. ये विश्वविद्यालय भारतीय मेडिकल छात्रों के विशेष मामले के लिए ट्यूशन फीस और छात्रावास आवास में विशेष छूट भी दे रहे हैं.