
मौत की सजा के बाद अब क्या करेंगी शेख हसीना? बांग्लादेश की पूर्व PM के सामने बस अब 2 रास्ते
AajTak
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराए जाने और मौत की सजा होने के बाद शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग का राजनीतिक भविष्य अंधेरे में दिख रहा है. अपना और अपनी पार्टी का राजनीतिक वजूद बचाने के लिए शेख हसीना के पास अब दो विकल्प बचे हैं.
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने पिछले साल छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों के लिए मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी माना है और उन्हें मौत की सजा सुनाई है. इस फैसले के बाद न केवल शेख हसीना बल्कि उनकी पार्टी बांग्लादेश आवामी लीग के भी राजनीतिक वजूद पर खतरा मंडरा रहा है. सवाल खड़े हो रहे हैं कि हसीना और उनकी पार्टी के पास अपना राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए क्या विकल्प बचे हैं.
वैसे तो शेख हसीना के पास ICT द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अपील का रास्ता तकनीकी रूप से खुला है, लेकिन उसके लिए शर्तें बेहद कठिन हैं. ICT कानून की धारा 21 के तहत, मौत की सजा पाने वाले दोषी को फैसले की तारीख से 30 दिनों के अंदर या तो गिरफ्तार होना होगा या अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा. तभी बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की अपीलेट डिवीजन में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जा सकती है.
यह भी पढ़ें: मौत की सजा के बाद अब क्या करेंगी शेख हसीना? बांग्लादेश की पूर्व PM के सामने बस अब 2 रास्ते
शेख हसीना के सामने अब क्या विकल्प बचे हैं?
शेख हसीना के मामले में यह अंतिम तारीख 17 दिसंबर 2025 है. यदि वह इस तारीख तक बांग्लादेश की किसी अदालत में आत्मसमर्पण नहीं करतीं या गिरफ्तारी नहीं देती हैं, तो अपील का कानूनी अधिकार अपने आप समाप्त हो जाएगा और मौत की सजा अंतिम हो जाएगी. बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को अपील पर 60 दिनों के अंदर फैसला सुनाना अनिवार्य है, यानी हसीना के मामले में यह तारीख अधिकतम 15 फरवरी 2026 तक की हो सकती है.
चूंकि शेख हसीना ने ICT को 'फर्जी और धांधली वाली कठपुतली अदालत' बताया है और भारत में शरण लिए बैठी हैं, ऐसे में इस बात की संभावना बहुत कम है कि वह बांग्लादेश जाकर गिरफ्तारी देंगी या वहां की किसी अदालत में आत्मसमर्पण करेंगी. और अगर ऐसा नहीं हुआ तो न सिर्फ हसीना की अपनी राजनीतिक वापसी लगभग असंभव हो जाएगी, बल्कि पूरी आवामी लीग पर प्रतिबंध को चुनौती देने का कानूनी रास्ता भी हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. यानी अगले 30 दिन हसीना और आवामी लीग के राजनीतिक अस्तित्व के लिए अहम होंगे.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







