‘मोदी सरकार द्वारा धीरे-धीरे मनरेगा का गला घोंटने का काम किया जा रहा है’
The Wire
‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के श्रमिक विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले दो हफ़्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेष रूप से अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली को लेकर मज़दूरों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है.
नई दिल्ली: केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के आवंटन में सबसे भारी कटौती मौजूदा बजट में की गई है. इस मद में सिर्फ 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो कि अब तक की सबसे कम राशि है.
इसके अलावा मनरेगा के तहत ऐप आधारित हाजिरी दर्ज करने की प्रणाली – नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) लागू की गई है, जिसको लेकर श्रमिकों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है. इतना ही नहीं कई जटिल प्रक्रियाओं को शुरू किया गया है, जिसे लेकर श्रमिक और श्रमिक संगठन खासे नाराज हैं.
दिल्ली के जंतर मंतर में पिछले दो हफ्तों से ‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले मनरेगा श्रमिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली, बजट में की गई भारी कटौती, मजदूरी भुगतान में देरी, मजदूरी दर में वृद्धि समेत विभिन्न मांगें उठा रहे हैं.
राजस्थान के रहने वाले मजदूर किसान शक्ति संगठन के कार्यकर्ता शंकर सिंह ने द वायर को बताया कि मनरेगा योजना के तहत केंद्र सरकार ने जो नई प्रणालियां लागू की हैं, उनसे बहुत सारी समस्याएं आ रहीं हैं. उनको लेकर नरेगा संघर्ष समिति के बैनर तले देशभर के श्रमिक बारी-बारी से जंतर मंतर आकर धरना दे रहे हैं. यह आंदोलन 100 दिनों तक चलेगा.