
मैट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात, प्यार, फिर लड़की लापता... सीमेंट के नीचे दफन ज्योत्सना की लाश का क्या है राज?
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ज्योत्सना प्रकाश अपनी रूममेट के साथ रहती थी. 28 अगस्त की रात को वो किसी से मिलने जाने की बात कह कर घर से निकली, लेकिन फिर लौट कर नहीं आई. पहले रूममेट ने उससे संपर्क साधने की कोशिश की और फिर घरवालों ने, लेकिन उसके मोबाइल फोन पर कॉल पिक नहीं हो रहा था.
Jyotsna Murder Case: नागपुर की रहने वाली एक लड़की अचानक गायब हो गई. उसका मोबाइल फोन ऑन था. पर फोन उठ नहीं रहा था. उधर, फोन की लोकेशन लगातार बदल रही थी. अलग-अलग जगहों पर नजर आ रही थी. ऐसे में पुलिस का शक गहरा हो गया. गुमशुदगी का राज़ कहीं मोबाइल फोन में ही क़ैद था. पुलिस ने फोन की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई और तब एक ऐसी कहानी सामने आई जिसने खुद पुलिस वालों को भी चौंका दिया. ये कहानी है एक फौजी के ख़ूनी इश्क की.
28 अगस्त 2024, रात 8.30 बजे, बेसा चौक - नागपुर 32 साल की ज्योत्सना प्रकाश आकरे इसी इलाके में अपनी रूम मेट के साथ रहती थी. 28 अगस्त की रात को वो किसी से मिलने जाने की बात कह कर घर से निकली, लेकिन फिर लौट कर नहीं आई. पहले रूम मेट ने उससे संपर्क साधने की कोशिश की और फिर घर वालों ने, लेकिन उसके मोबाइल फोन पर कॉल पिक नहीं हो रहा था. अगले दिन यानी 29 अगस्त को ज्योत्सना के भाई ने नागपुर के ही बेलतरोड़ी थाने में अपनी बहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
सीसीसीटी फुटेज और सीडीआर की जांच रिपोर्ट लिखे जाने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की. सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल फोन का डंप डाटा निकाल कर ये जानने समझने की कोशिश की गई कि आखिर ज्योत्सना की आखिरी बार किससे बातचीत हुई थी और उसकी लास्ट लोकेशन कहां थी. लेकिन इस कोशिश के बावजूद पुलिस को ज्योत्सना का कोई खास सुराग नहीं मिल सका. इस तरह करीब दो हफ्ते से ज्यादा का वक़्त गुज़र गया. 20 दिन बाद ज्योत्सना के भाई ने एक बार फिर पुलिस में अपनी बहन की गुमशुदगी को लेकर शिकायत की और शक जताया कि उसकी बहन का किसी ने अपहरण कर लिया है.
पुलिस ने दर्ज किया ज्योत्सना के अपहरण का केस अब तक पुलिस को भी कुछ ऐसा ही लग रहा था. क्योंकि पहली बात तो ये थी कि ज्योत्सना बालिग लड़की थी, पढ़ी लिखी आत्मनिर्भर थी, ऑटोमोबाइल के एक शो रूम में काम करती थी. और दूसरी ये कि वो हमेशा अपने घरवालों के संपर्क में रहती थी. ऐसे में उसका अपने-आप यूं गायब हो जाना और पिछले बीस दिनों से किसी से भी फोन पर बात तक नहीं करना पुलिस को भी हैरान कर रहा था. लिहाजा, पुलिस ने भाई की दूसरी शिकायत पर ज्योत्सना के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की और अपनी तफ्तीश में तेजी लाई.
बार-बार बदल रही थी ज्योत्सना की मोबाइल लोकेशन पुलिस इस बात को लेकर भी बहुत हैरान थी कि आखिर ज्योत्सना के मोबाइल फोन की लोकेशन अलग-अलग वक्त पर नागपुर के बाहर अलग अलग इलाक़ों में नजर आ रहा था, लेकिन फोन उठ नहीं रहा था.
मैट्रिमोनियल साइट के ज़रिए ज्योत्सना से मिला था अजय अब पुलिस ने ज्योत्सना को जानने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की शुरुआत की और इसी कड़ी में एक नाम सामने आया- अजय वानखेड़े का. अजय वानखेड़े एक फौजी था और उसकी पोस्टिंग नागालैंड में थी. मूल रूप से नागपुर के ही रहने वाले अजय वानखेड़े की ज्योत्सना से मुलाकात एक मैट्रिमोनियल साइट पर हुई थी. और दोनों तब से एक दूसरे के संपर्क में थे. हालांकि ज्योत्सना के घर वालों का कहना था कि अजय और ज्योत्सना के रिश्ते की बात किसी वजह से बन नहीं पाई थी.

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