मुंबई: 'जूनियर को बिना तैयारी ना भेजें, सही ट्रेनिंग दें', हाई कोर्ट में सीनियर वकील को लगी फटकार
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बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच ने मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार किए बिना ही जूनियर वकील को कोर्ट भेजने पर सीनियर वकील को जमकर फटकारा. इतना ही नहीं उन्हें जूनियरों को ठीक से ट्रेनिंग देने की नसीहत भी दे डाली.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले में सीनियर वकीलों से अपने जूनियरों को ट्रेन करने की सलाह दी है. दरअसल जस्टिस एसजे काथावाला और जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच ने कोर्ट के सवालों के जवाब के लिए तैयार किए बिना ही जूनियर को सुनवाई में भेजने पर एक सीनियर वकील को फटकार लगा दी.
एक जूनियर वकील ने जब तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए अपने मामले को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो पीठ ने उनसे कुछ सवाल पूछे, जिनका वह जवाब नहीं दे सकीं. अदालत ने उसे बिना तैयारी के न आने की नसीहत दी और उसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उसका वरिष्ठ सुनवाई में मौजूद रहे.
वरिष्ठ वकील जब अदालत पहुंचे तब पीठ ने उन्हें भी फटकार लगाई. जस्टिस काथावाला ने टिप्पणी की कि आप ने अपने जूनियर को भेजा. मैंने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. हम उनसे सवाल पूछते हैं और वह शांत रहते हैं.
जस्टिस काथावाला ने सुनवाई के लिए बाद में पहुंचे सीनियर वकील से कहा, ''आप अन्य मामलों में सुबह आते हैं, अपने जूनियर्स को डेट्स लेने के लिए यहां भेजें, लेकिन आपको अपने जूनियर्स को अच्छी तरह से ट्रेन करना चाहिए. आप बस उन्हें यहां भेज देते हैं लेकिन उन्हें मामले में कोई जानकारी नहीं देते हैं. ऐसा करेंगे तो इससे उनका मनोबल टूटेगा. आपको अपने कनिष्ठ को अच्छी तरह से प्रशिक्षित करना चाहिए, वह एक बहुत अच्छी वकील हो सकती है.'' पीठ ने मामले को इस सप्ताह के अंत में सुनवाई के लिए पोस्ट किया.
इसलिए की यह टिप्पणी
बॉम्बे हाईकोर्ट में वकील जो अपने मामलों की तत्काल सुनवाई करना चाहते हैं, मामले का संक्षिप्त विवरण देते हुए संक्षिप्त आवेदन के साथ आते हैं, और मामले को उसी दिन या बाद में एक निश्चित तिथि पर सूचीबद्ध करने की मांग करते हैं.
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