
'मां मैंने देवदास की है, जो तुम टीवी पर देखा करती थीं' शाहरुख खान की ये बात कर देगी इमोशनल
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शाहरुख अब ये बताया है कि 'देवदास' करने के पीछे असली वजह क्या थी. उन्हें अपने ऊपर कभी भी ये यकीन नहीं था कि वो देवदास का रोल बहुत अच्छे से कर सकते हैं. बल्कि वो संजय लीला भंसाली की फिल्म करने के लिए इसलिए तैयार हुए क्योंकि उन्हें लगा इससे उनकी मां को अच्छा लगता.
इंडियन सुपरस्टार शाहरुख खान के सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है 'देवदास'. इस फिल्म में शाहरुख की परफॉरमेंस लोगों के लिए आज भी यादगार है. लेकिन शाहरुख को लगता है कि उनकी परफॉरमेंस फिल्म में इतनी भी अच्छी भी नहीं थी.
शाहरुख अब ये बताया है कि 'देवदास' करने के पीछे असली वजह क्या थी. उन्हें अपने ऊपर कभी भी ये यकीन नहीं था कि वो देवदास का रोल बहुत अच्छे से कर सकते हैं. बल्कि वो संजय लीला भंसाली की फिल्म करने के लिए इसलिए तैयार हुए क्योंकि उन्हें लगा इससे उनकी मां को अच्छा लगता. हालांकि 'देवदास' करने के बाद उन्होंने शराब पीना भी शुरू कर दिया.
शाहरुख ने बताई 'देवदास' करने की असली वजह करीब दो महीने पहले शाहरुख लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बने थे जहां उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. फिल्म फेस्टिवल में उनकी फिल्म 'देवदास' भी दिखाई गई थी.
उसी वक्त शाहरुख ने लोकार्नो के साथ एक पॉडकास्ट भी किया था, जो अब शेयर किया गया है. इस पॉडकास्ट में 'देवदास' के बारे में बात करते हुए शाहरुख ने ये फिल्म करने की असली वजह बताई. उन्होंने कहा कि भंसाली की फिल्ममेकिंग उन्हें बहुत पसंद हैं और जब वो 'देवदास' की स्क्रिप्ट नैरेट कर रहे थे तो उन्हें बहुत मजा आ रहा था.
शाहरुख ने बताया, 'बहुत कम फिल्में होती हैं जो मुझे डायलॉग्स की वजह से पसंद आती हैं, क्योंकि वो बहुत थिएट्रिकल होती हैं, ओवर द टॉप होती हैं... और मैं थिएटर से आया हूं, तो सटल होना मुझे पसंद नहीं आता.' शाहरुख ने कहा कि इसीलिए उन्हें लार्जर दैन लाइफ फिल्में पसंद हैं. उन्हें 'देवदास' भी इसीलिए बहुत पसंद आई थी मगर किसी वजह से एक वक्त ऐसा हुआ कि ये फिल्म बन नहीं पाएगी.
शाहरुख ने आगे बताया कि उनके एक्टिंग में आने से पहले ही उनके दोनों पेरेंट्स दुनिया से रुखसत हो चुके थे. लेकिन वो हमेशा चाहते थे कि उनके पेरेंट्स उनकी फिल्में देख सकें. उन्होंने कहा, 'किसी वजह से मुझे ऐसा लगता था कि मैं वो फिल्में करूंगा जो बहुत बड़ी हों, ताकि मेरे माता पिता स्वर्ग से उन्हें देख सकें. ये बचकाना विचार है, मुझे अभी भी लगता है कि मेरी मां एक तारा बन गई हैं, मुझे ये भी पता है कि वो आसमान में कौन सा तारा हैं. मुझे बस ये लगा कि अगर मैंने देवदास की तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा.'

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