महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप जीतने के बाद निकहत ने कहा, करिअर की बाधाओं ने मज़बूत बनाया
The Wire
भारतीय मुक्केबाज़ निकहत ज़रीन ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए बीते गुरुवार को इस्तांबुल में विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में थाईलैंड की जितपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है. इस जीत के साथ 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता ज़रीन विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज़ बन चुकी हैं.
बृहस्पतिवार को हुए फाइनल मुकाबले में 25 साल की जरीन ने दमदार मुक्के बरसाते हुए जुटामस पर दबदबा बनाया.
जुटामस ने बेहतर शुरुआत की, लेकिन जरीन ने जल्द ही वापसी करते हुए अपना पलड़ा भारी कर दिया. पहले दौर में कड़ी टक्कर देखने को मिली लेकिन जरीन के मुक्के अधिक दमदार और दर्शनीय थे.
भारतीय मुक्केबाज ने पहला दौर आसानी से जीता, लेकिन जुटामस ने दूसरे दौर में मजबूत वापसी की. थाईलैंड की मुक्केबाज ने जरीन को अपने से दूर रखने में सफलता हासिल की और दूसरा दौर खंडित फैसले में जीता.
दोनों मुक्केबाजों के बीच अधिक अंतर नहीं था और ऐसे में स्ट्रैंथ और स्टेमिना अहम साबित हुआ. जरीन ने दाएं हाथ से दमदार मुक्के बरसाते हुए अंतिम दौर में मुकाबला अपने पक्ष में मोड़ दिया.