महाराष्ट्र में लॉकडाउन पर सियासत, CM उद्धव ने दिए लागू करने के संकेत तो एनसीपी-बीजेपी ने किया विरोध
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महाराष्ट्र में बीते एक हफ्ते में ही एक लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं ऐसे में कई जिलों ने अपने स्तर पर पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है. संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यों के अधिकारियों को पूर्ण लॉकडाउन के ऑप्शन खुले रखने के निर्देश दिए थे.
देश में बढ़ रहा कोरोना का संकट हर किसी की चिंता बढ़ा रहा है. सबसे ज्यादा खतरा महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है, क्योंकि यहां आ रहे नए कोरोना के मामलों की रफ्तार बेकाबू हो गई है. अब राज्य में सख्ती बढ़ गई है लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं. बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसके संकेत दिए थे, लेकिन अब पूर्ण लॉकडाउन के खिलाफ आवाज़ भी उठ रही हैं. दरअसल, महाराष्ट्र में बीते एक हफ्ते में ही एक लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में कई जिलों ने अपने स्तर पर पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है. संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यों के अधिकारियों को पूर्ण लॉकडाउन के ऑप्शन खुले रखने के निर्देश दिए थे. उद्धव का कहना था कि राज्य में लोग गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहे हैं.एनसीपी और बीजेपी ने किया पूर्ण लॉकडाउन का विरोध हालांकि, अभी पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है ताकि रात को सड़कों पर भीड़ कम रह पाए. लेकिन पूर्ण लॉकडाउन की सुगबुगाहट तेज़ होते ही अलग बयान आने लगे. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन को टाला भी जा सकता है, अगर लोग नियमों का पालन करें. नवाब मलिक ने कहा कि हम एक और लॉकडाउन नहीं झेल सकते हैं, इसलिए मुख्यमंत्री से अन्य ऑप्शन पर विचार करने की अपील की है. हालांकि, बीते दिनों एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर लोग नियम नहीं मानते हैं तो सरकार लॉकडाउन लगाने से हिचकेगी नहीं. सिर्फ सरकार में शामिल एनसीपी ही नहीं बल्कि विपक्षी पार्टी बीजेपी भी संपूर्ण लॉकडाउन का विरोध कर रही है. महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कोरोना संकट को रोकने के लिए अब लॉकडाउन कोई उपाय नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ बीजेपी नहीं बल्कि हर आम आदमी, व्यापारी ऐसे किसी फैसले का विरोध करेगा. महाराष्ट्र में डरा रही कोरोना की रफ्तार देश में इस वक्त जितने भी कोरोना के केस आ रहे हैं, उनमें आधे से अधिक महाराष्ट्र से ही आ रहे हैं. बीते दिन महाराष्ट्र में 31 हजार से अधिक कोरोना के मामले आए, हालांकि बीते कुछ दिनों में आए केस से ये कुछ कम हैं लेकिन फिर भी डराने वाले हैं. बीते एक हफ्ते में महाराष्ट्र में हर रोज 30 हजार से अधिक नए केस आए हैं, मुंबई में रोज 5 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते केस के कारण ही नांदेड़, बीड, नागपुर समेत आधा दर्जन से अधिक शहरों ने संपूर्ण लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू, बाजारों में पाबंदी जैसे सख्त नियमों को फिर से लागू किया है.लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर फिल्मी गलियारों में भी काफी हलचल रही. कई शोबिज सितारे चुनावी मैदान में उतरे हैं. कंगना रनौत, अरुण गोविल वीआईपी सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. कंगना जहां मंडी से उम्मीदवार हैं, वहीं अरुण गोविल मेरठ से कैंडिडेट हैं. हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा, पवन सिंह, निरहुआ की किस्मत का भी फैसला होगा.
आज लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना है. इस बीच देशभर की वीआईपी सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन 51 हॉट सीटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, कंगना रनौत की उम्मीदवारी वाली मंडी सीट, हेमा मालिनी की उम्मीदवारी वाली मथुरा सीट, अरुण गोविल की उम्मीदवारी वाली मेरठ सीट और शत्रुघ्न सिन्हा की उम्मीदवारी वाली आसनसोल सीट भी शामिल हैं.
राज्यपाल ने संकट में फंसे लोगों को तुरंत मदद देने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंद लोगों को आवास और परिवहन भी मुहैया कराया जाएगा. राज्यपाल ने सभी लोगों से संयम बरतने और उपद्रवियों की ओर से शांति भंग करने या संभावित हिंसा के बारे में किसी भी जानकारी की सूचना राजभवन को देने की अपील की है.
मनाली के ब्यास नदी के पास उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाएं सेल्फी ले रही थी. पैर फिसलने से दोनों ब्यास नदी में डूब गईं और दोनों की मौत हो गई. पुलिस का कहाना है कि उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली आंचल का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. दूसरी महिला का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
झारखंड के डीजीपी (DGP) अजय कुमार सिंह ने राजधानी रांची की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में रांची जोन के आईजी, डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान डीजीपी ने कहा है कि झारखंड में पहली बार सभी 14 सीटों पर हिंसा के बिना मतदान संपन्न हुआ है.