महाराष्ट्र परिवहन निगम कर्मचारी हड़ताल: कोर्ट ने समिति को 20 दिसंबर को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए
The Wire
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अदालत ने हड़ताली कर्मचारियों से अपने रुख़ पर पुनर्विचार करने और ड्यूटी पर वापस लौटने का भी अनुरोध किया है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों समेत बच्चों को सुविधाजनक और सस्ते परिवहन की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नकदी संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों का राज्य सरकार में विलय करने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति को सोमवार को निर्देश दिया कि वह 20 दिसंबर को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपे.
जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने एमएसआरटीसी के हड़ताली कर्मचारियों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने और ड्यूटी पर वापस लौटने का भी अनुरोध किया, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों समेत बच्चों को सुविधाजनक और सस्ते परिवहन की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
पीठ ने कहा, ‘जिन कर्मचारियों, चालकों व कंडक्टर ने निगम को सहयोग देने की इच्छा जताई है, उन्हें शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में बस चलाने की अनुमति दी जाएगी, ताकि स्कूली छात्रों सहित आम जनता को परेशानी नहीं हो.’
उन्होंने कहा कि अब स्कूल खुल चुके हैं, ऐसे में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.