
महाराष्ट्र चुनाव में सियासी घरानों के स्टार-किड्स की अंगड़ाई, लेकिन ज्यादा मुश्किल है चुनावी लड़ाई | Opinion
AajTak
महाराष्ट्र चुनाव में कहने को तो लड़ाई सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास आघाड़ी के बीच है, लेकिन साथ में कई सियासी घरानों के वारिस भी किस्मत आजमा रहे हैं. आदित्य और अमित ठाकरे ही नहीं, कई दिग्गज नेताओं के लाड़ले और लाड़लियां भी मैदान में कूद पड़े हैं - और सभी के लिए मुश्किलें लगभग बराबर ही नजर आ रही हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति के कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटी भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने जा रहे हैं, और करीब करीब हर सीट पर एक जैसी चुनौती मिल रही है - लेकिन सबसे दिलचस्प तो नारायण राणे परिवार का मामला है, जिनके दोनो बेटे चुनाव मैदान में हैं. एक बीजेपी के टिकट पर तो दूसरा एकनाथ शिंदे के उम्मीदवार के रूप में. दूसरी तरफ आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे की तरह बाकियों के कंधे पर भी अपनी विरासत बचाने की जिम्मेदारी आ पड़ी है. बॉलीवुडिया भाषा में कहें तो सियासी प्रोडक्शन हाउस के नौनिहाल यानी नेपो किड्स चुनाव मैदान में उतर आए हैं. चूंकि, इस बार दोनों ओर करीब छह पार्टियां अलग-अलग गठबंधन में हैं, इसलिए परिवारवाद के खिलाफ कोई नैतिकता का डंडा नहीं चला पा रहा है.
जहां तक चुनावी कसौटी की बात है, बहुत कम इलाके हैं जहां चैलेंज थोड़ा कम है. कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करने वाले बालासाहेब ठाकरे की तीसरी पीढ़ी के दो युवा नेता मुंबई के दो अलग-अलग इलाकों से चुनाव मैदान में हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्री रह चुके बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली से, तो ठाकरे परिवार के ही MNS नेता राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
ठाकरे परिवार का संघर्ष और चुनौती
2019 में आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के रसूखदार ठाकरे परिवार के पहले सदस्य थे, जिन्होंने चुनावी राजनीति का रुख किया था. तब तक न तो उनके पिता उद्धव ठाकरे और न ही चाचा राज ठाकरे ही ऐसा कर पाये थे. बालासाहेब ठाकरे के बारे में तो कहा जाता है कि उनको तो रिमोट पॉलिटिक्स में ही ज्यादा मजा आता था. उद्धव ठाकरे भी मुख्यमंत्री बनने के बाद ही विधान परिषद का चुनाव लड़े थे - और राज ठाकरे के चुनाव लड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि ऐसा हुआ तो बाल ठाकरे की विरासत पर दावेदारी कमजोर हो जाएगी.
लेकिन अब राज ठाकरे ने भी बेटे अमित ठाकरे को माहिम से चुनाव मैदान में उतार दिया है. और पिछली बार से अलग रुख अपनाते हुए वर्ली से आदित्य ठाकरे के खिलाफ संदीप देशपांडे को एमएनएस का टिकट दिया गया है - और ठीक वैसे ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी माहिम से महेश सावंत को अपना उम्मीदवार बनाया है.
देखा जाये तो वर्ली और माहिम की लड़ाई भी करीब करीब एक जैसी ही हो गई है, क्योंकि दोनो ही जगह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से पेच फंसा दिया गया है. वर्ली से शिंदे की शिवसेना ने मिलिंद देवड़ा को टिकट दिया है, जो मुरली देवड़ा के बेटे हैं.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






