
मणिपुर में सुरक्षाबलों का जॉइंट ऑपरेशन, गोला-बारूद समेत 32 अवैध हथियार जब्त
AajTak
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला द्वारा पूर्वोत्तर राज्य में लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से सरेंडर करने के लिए 6 मार्च की समय सीमा जारी करने के कुछ सप्ताह बाद यह बरामदगी हुई है. भल्ला ने सभी समुदायों के लोगों- विशेष रूप से घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं से 7 दिन के अंदर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के शिविर में अवैध हथियार और गोला-बारूद जमा करने का आग्रह किया था.
मणिपुर में जारी अशांति के बीच भारतीय सेना और असम राइफल्स ने 22 मार्च से 25 मार्च तक पांच जिलों में सीक्रेट इन्फॉर्मेशन के आधार पर संयुक्त अभियान चलाकर 32 अवैध हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध संबंधी सामान जब्त किए. ये अभियान मणिपुर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के साथ मिलकर चलाए गए थे.
किन जिलों में हुई कार्रवाई? ये संयुक्त अभियान कचिंग, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, सेनापति और बिष्णुपुर जिलों में चलाया गया. सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि बरामद सभी सामान आगे की जांच के लिए मणिपुर पुलिस को सौंप दिए गए हैं.
क्या-क्या बरामद हुआ?
22 मार्च को काकिंग जिले में असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने एक इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, एक .303 राइफल, एक संशोधित कार्बाइन मशीन गन, 2 सिंगल बैरल राइफल, गोला-बारूद और अतिरिक्त युद्ध संबंधी सामान बरामद किए. सेनापति जिले में चार बोल्ट-एक्शन राइफलें जब्त की गईं. इस बीच इम्फाल ईस्ट में 2 सिंगल-बैरल राइफलें, 2 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, गोला-बारूद और अन्य सामान बरामद किए गए.
अगले दिन यानी 23 मार्च को भारतीय सेना ने सेनापति जिले के फैकोट से एक इंसास राइफल, एक .303 राइफल और एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) बरामद की. वहीं, इम्फाल ईस्ट में असम राइफल्स ने एक 2-इंच मोर्टार और एक 0.32 मिमी पिस्तौल बरामद की.
ये ऑपरेशन 24 मार्च को भी जारी रहा. इम्फाल ईस्ट में सेना के जवानों ने एक .22 राइफल, एक 12-बोर डबल-बैरल राइफल, चार 51 मिमी मोर्टार और एक 9 मिमी पिस्तौल बरामद की. वहीं, बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक एके-47, एक 12-बोर राइफल, एक .303 राइफल, एक डबल-बैरल राइफल, एक संशोधित राइफल और 2 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार जब्त किए.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







