भारत में काम के बदले मिलता है कम वेतन! सर्वे में दावा-दुनिया में भारतीय कर्मचारी ज्यादा असंतुष्ट
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ADP रिसर्च के सर्वे के मुताबिक भारत में 69 फीसदी भारतीय कर्मचारी मानते हैं कि उन्हें काम के हिसाब से कम सैलरी मिलती है. वहीं अगर इसकी तुलना ग्लोबल औसत से की जाए, तो दुनियाभर में ऐसा मानने वाले लोगों की तादाद इससे काफी कम 43 फीसदी है.
एक सर्वे (Survey) के मुताबिक भारत में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को महंगाई (Inflation) का सामना करने के लिए इस साल इंक्रीमेंट का बेसब्री से इंतजार है. वैसे तो भारत में पिछले साल भी डबल डिजिट में वेतन बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन जिस रफ्तार से 2022 में और 2023 की शुरुआत में महंगाई ने छलांग लगाई, उससे लोगों के लिए अपने इस वेतन में गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में उन्हें इस साल फिर से डबल डिजिट में इंक्रीमेंट की उम्मीद है.
ये खुलासा कई एजेंसियों की रिपोर्ट में अनुमान के तौर पर सामने भी आया है. खास बात है कि भारत में होने वाला इंक्रीमेंट दूसरे देशों के औसत के मुकाबले भी ज्यादा है. इसके बावजूद भारतीय कर्मचारियों को लगता है कि उन्हें दूसरे देशों के कर्मचारियों के मुकाबले कम सैलरी मिल रही है. काम के मुकाबले कम सैलरी मिलने की बात कहना कोई नई बात नहीं है. दुनियाभर में ऐसा काफी लोग मानते हैं, लेकिन भारत में ऐसा मानने वालों का औसत ग्लोबल औसत के मुकाबले काफी ज्यादा है.
काम के बदले मिल रही है कम सैलरी!
ADP रिसर्च के सर्वे के मुताबिक भारत में 69 फीसदी भारतीय कर्मचारी मानते हैं कि उन्हें काम के हिसाब से कम सैलरी मिलती है. वहीं अगर इसकी तुलना ग्लोबल औसत से की जाए, तो दुनियाभर में ऐसा मानने वाले लोगों की तादाद इससे काफी कम 43 फीसदी है. भारतीयों के ऐसा मानने में कोई गलती भी नहीं है क्योंकि भारतीय कर्मचारी कर्मठ माने जाते हैं और हर हफ्ते में औसतन 10 घंटा 39 मिनट वो बिना वेतन के काम करते हैं. जबकि दुनिया में बेगार करने वाले कर्मचारियों को औसतन 8 घंटे से थोड़ा ज्यादा ही समय काम करना होता है.
पिछले साल भारत में सबसे ज्यादा लोगों की सैलरी बढ़ी
सर्वे के मुताबिक पिछले साल भारत में 78 फीसदी कर्मचारियों को सैलरी हाइक मिला था, जो 17 देशों में सबसे बड़ा आंकड़ा था. इसकी तुलना अगर दूसरे देशों से करें तो चीन में 50 फीसदी, सिंगापुर में 70 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया में 66 फीसदी कर्मचारियों को ही वेतन बढ़ोतरी का फायदा मिला था. भारत में औसत वेतन बढ़ोतरी 7.2 फीसदी थी, जो उच्च महंगाई दर से जूझ रहे अर्जेंटीना के बाद सबसे ज्यादा थी. अर्जेंटीना की इस बड़ी वेतन बढ़ोतरी की वजह से ही लैटिन अमेरिकी देशों का औसत सैलरी इंक्रीमेंट के मामले में सबसे ज्यादा रहा था.
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