
भारत ने पानी रोका तो पाकिस्तान की अक्ल आई ठिकाने, अमेरिका पहुंच डार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
AajTak
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार बार-बार भारत को बातचीत का प्रस्ताव दे रहे हैं. अब उन्होंने अमेरिका पहुंचकर भारत से बातचीत की बात कही है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान भारत से बातचीत के लिए तैयार है.
सिंधु जल समझौता निलंबित किए जाने से परेशान पाकिस्तान बार-बार भारत से बातचीत की अपील कर रहा है. अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को एक बार फिर भारत से बातचीत का अनुरोध किया है. इससे पहले भी इशाक डार ने इसी तरह की अपील की थी जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ठुकरा दिया था. पाकिस्तान की पेशकश को ठुकराते हुए राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा था कि बातचीत और खून-खराबा एक साथ नहीं चल सकते हैं.
रक्षा मंत्री के बयान के ठीक अगले ही दिन पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक बार फिर भारत से बातचीत की अपील की है. न्यूयॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ हर मुद्दे पर बातचीत चाहता है जिसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल होगा.
आतंक के समर्थक पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अमेरिका के सामने खुद को विक्टिम दिखाने की कोशिश में कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का भुक्तभोगी है और इस मुद्दे पर भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.
भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे लेकर किसी भी विवाद को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.
भारत ने यह भी साफ किया है कि कश्मीर को लेकर कोई भी बातचीत नहीं होगी बल्कि अगर पाकिस्तान से कश्मीर पर कोई बातचीत होगी तो वो पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर पर होगी. लेकिन पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण की असफल कोशिश करता रहा है.
इसी क्रम में पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के समक्ष कश्मीर का मुद्दा उठाया. इस संबंध में डार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'विदेश मंत्री रुबियो ने इस बात को स्वीकार किया कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के बगैर क्षेत्र में शांति नहीं आने वाली. राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया है.'

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






