
भारत और जर्मनी के बाद US ने किया यूक्रेन में दूतावास खोलने का ऐलान, क्या सुधर रहे हैं हालात?
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US Embassy In Kyiv: अब अमेरिका भी यूक्रेन की राजधानी कीव में अपना दूतावास खोलने जा रहा है. यूएस के इस फैसले के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यूक्रेन की राजधानी में हालात पहले के मुकाबले कुछ ठीक हुए हैं.
US Embassy In Kyiv: यूक्रेन की राजधानी कीव में हालात पहले से कुछ ठीक होते नजर आ रहे हैं. एक के बाद एक अब कई देश कीव में अपने दूतावास खोलने का ऐलान कर रहे हैं. भारत और जर्मनी के अब अमेरिका भी यूक्रेन की राजधानी कीव में अपना दूतावास खोलने जा रहा है. अमेरिकी के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के राजनयिक (american diplomats) पहले ही राजधानी कीव पहुंच चुके हैं.
इससे पहले भारत ने भी कीव में अपना दूतावास खोलने का ऐलान किया था. 17 मई 2022 को भारत, कीव में अपना दूतावास शुरू करने जा रहा है. यह ऐलान विदेश मंत्रालय ने किया था. अभी यूक्रेन का भारतीय दूतावास अस्थायी तौर पर पोलैंड की राजधानी वर्सोवा से संचालित किया जा रहा है. रूस-यूक्रेन जंग के बीच 13 मार्च 2022 को इसे शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था.
जर्मनी ने काफी पहले कर दी थी शुरुआत
जर्मनी भी यूक्रेन की राजधानी कीव में अपना दूतावास खोल चुका है. 10 मई को जर्मनी की कैबिनेट के सदस्य बेयरबॉक ने यूक्रेन का दौरा किया था. जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन पहुंचने वाले वह पहले जर्मन कैबिनेट सदस्य थे. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने बूचा और इपिन शहर का दौरा किया था. ये दोनों वही शहर हैं, जहां के नागरिकों पर बर्बरता करने के आरोप रूसी सैनिकों पर लगे थे.
यूरोप पर आया सबसे बड़ा शरणार्थी संकट
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को 'मिलिट्री ऑपरेशन' के नाम पर यूक्रेन के खिलाफ जंग की शुरुआत की थी. भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए जंग शुरू होने के ठीक दो दिन बाद 26 फरवरी को ऑपरेशन गंगा शुरू किया था. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक जंग के बीच अब तक यूक्रेन के 60 लाख से ज्यादा नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं. जबकि, 80 लाख से ज्यादा लोग घरबार छोड़कर यहां-वहां भटक रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग आसपास में स्थित यूरोपीय देशों में भागे हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे यूरोप पर आया सबसे बड़ा शरणार्थी संकट माना जा रहा है.

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