भाजपा नेता वरुण गांधी, विपक्ष ने राशन कार्ड संबंधी निर्देशों को लेकर यूपी सरकार पर साधा निशाना
The Wire
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी सपा ने ट्वीट किया, ‘गरीबों को राशन से वंचित करने की यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नई तरकीब है. उसने गरीबों के वोट लेकर सत्ता हथियायी. अब सरकार को वादे के मुताबिक उन्हें पूरा राशन देना चाहिए.’ चुनाव से पहले पात्र और चुनाव के बाद अपात्र? गरीबी के मानदंड में ही बदलाव कर, प्रदेश में गरीबों की दयनीय होती स्थिति से भद्दा मजाक कर रही भाजपा सरकार। अब भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा लोगों के सामने आ चुका है। ये सरकार एक तय दाम पर गेहूं-चावल की वसूली करेगी, अगर आपने वो भी नहीं किया तो आपकी संपत्ति कुर्की की जाएगी सरकार से ये सवाल पूछना जरूरी है- इसमें ₹24 प्रति किलो गेहूं की, ₹32 प्रति किलो के हिसाब से चावल की वसूली होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्त राशन का लगातार जिक्र करने वाली यह सरकार अब तथाकथित ‘अपात्र’ लोगों को इस लाभ से वंचित करने के लिए ‘बकवास’ दिशानिर्देश लागू कर रही है. जनसामान्य के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मानक अगर ‘चुनाव’ देख कर तय किए जाएँगे तो सरकारें अपनी विश्वसनीयता खो बैठेंगी। कागजों पर काम करने वाली सरकार की कागजों में ही गरीबी दूर करने की शर्मनाक कोशिश। pic.twitter.com/agbjeB7MOT लेकिन हकीकत ये है कि जो दो जून की रोटी गरीब को नसीब हो रही थी, अब उसके पेट पर उसकी थाली पर प्रहार होने जा रहा है: श्रीमती @SupriyaShrinate मतलब भाजपा की सरकार में गरीब को और गरीब बनाकर कैसे रखना है, यही सारा मामला है: श्रीमती @SupriyaShrinate तथाकथित अपात्र लोगों को राशनकार्ड पर राशन जारी अफसरों ने किया था, इन अफसरों पर क्या एक्शन बनता है? : श्रीमती @SupriyaShrinate ये निर्ममता यहीं नहीं रूकती- नमक, तेल, दाल, मटर; जो खाद्य सामग्री पिछले दिनों चुनावों के दौरान लुभाने के दिए दी गई थी, उसकी वसूली मार्केट रेट पर होगी: श्रीमती @SupriyaShrinate
उन्होंने जानना चाहा कि क्या राशन कार्ड के वितरण के समय मान्य मापदंड उसे बांटे जाने के बाद बदले गए और यदि राशन कार्ड गलत लाभार्थियों के हाथों में चले गए तो सरकारी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. चुनाव खत्म होते ही राशनकार्ड खोने वाले करोड़ों देशवासियों की याद सरकार को अब कब आएगी? — Rashtriya Lok Dal (@RLDparty) May 21, 2022 — Congress (@INCIndia) May 21, 2022 — Congress (@INCIndia) May 21, 2022 — Congress (@INCIndia) May 21, 2022 — Congress (@INCIndia) May 21, 2022
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा, ‘यदि आम आदमी के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मापदंड चुनाव को देखते हुए तय किए जाएंगे तो सरकार अपनी विश्वसनीयता गंवा बैठेगी.’ शायद अगले चुनावों में..! pic.twitter.com/yfVGPkxBlh