
बोत्सवाना अमीर देशों को दे रहा हाथियों की फौज भेजने की धमकी, क्या है ट्रॉफी हंटिंग, जिसपर बैन से भड़का ये अफ्रीकी देश?
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अफ्रीकी देश बोत्सवाना ने जर्मनी को हजारों हाथी भेजने की धमकी दी है. ये नाराजगी इसलिए है क्योंकि जर्मनी ट्रॉफी हंटिंग के नाम पर होने वाले शिकार पर सख्ती की सोच रहा है. इसपर बोत्सवाना का कहना है कि इससे उनके यहां हाथियों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि इंसानों का रहना मुश्किल हो जाएगा. जर्मनी का विरोध जताने के लिए वो वहां हाथी भेजने की धमकी दे रहा है.
बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासीसी ने जर्मनी को धमकाया कि वो उनके यहां 20 हजार हाथी भेज देंगे ताकि वे समझ सकें कि हाथियों के बीच रहना क्या है. ये धमकी जर्मनी के एनिमल-लवर्स के लिए है, जिसकी वजह से जर्मन सरकार बोत्सवाना जाकर ट्रॉफी हंटिंग पर रोक लगाने की सोच रही है. बोत्सवाना पहले भी कई देशों को हाथियों के नाम पर डरा चुका.
- हम सवाल-दर-सवाल पूरा मामला देखते हैं कि जर्मनी ने आखिर ऐसा क्या कह दिया, जो बोत्सवाना उखड़ गया. - पशुओं को बचाना तो हर देश का नियम है, फिर कुछ देश क्यों इसके खिलाफ हैं. - क्या है ट्रॉफी हंटिंग, जिसपर रोक की बात हो रही है, और अफ्रीकी मुल्क बोत्सवाना का इससे क्या मतलब है.
शुरुआत करते हैं आखिरी सवाल से. राजा-महाराजाओं के जमाने में हम अक्सर शिकार की बात सुना करते थे. कुछ शिकार इसलिए होते थे कि जानवरों को पकाकर खाया जाए. वहीं बड़े जानवरों के शिकार का अलग मकसद होता. राजा उनकी खाल या सींगों को महल में सजाते. ये एक तरह से उनकी बहादुरी का सबूत होता कि देखिए, हमने शेर या हाथी को भी पछाड़ दिया. यही ट्रॉफी हंटिंग है. इसमें जंगली जानवरों को मारकर जीत के इनाम की तरह रखा जाता है.
चूंकि ज्यादातर देशों में जानवरों को लेकर तरह-तरह की सख्तियां हैं, इसलिए शिकार के शौकीनों ने नया तरीका खोजा. वे ऐसे देश जाने लगे, जहां जंगल ही जंगल हों. वे वहां जानवरों को मारकर उनके शरीर के मनचाहे हिस्सों को अपने साथ ले जाते. बदले में उन्हें उस देश को पैसे देने होते.
क्या-क्या हो रहा इस हंटिंग में

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