
बिहार में नई सरकार की शपथ ग्रहण की आ गई तारीख... गांधी मैदान में होगा समारोह, PM मोदी भी होंगे शामिल
AajTak
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रचंड जीत के बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है. एनडीए की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होगा. इस भव्य शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रचंड जीत के बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है. एनडीए की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होगा. इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया है, जिसमें भाजपा को 89, जेडीयू को 85, एलजेएपी (रामविलास) को 19 और अन्य सहयोगियों ने 9 सीटें जीती हैं.
नीतीश कैबिनेट की अंतिम बैठक
जेडीयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सुबह 11:30 कैबिनेट की अंतिम बैठक बुलाई है. इस बैठक में वर्तमान विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा. बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे. ये औपचारिकता नई सरकार गठन की दिशा में पहला कदम होगी. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए सभी औपचारिकताएं निर्धारित समय से पहले पूरी की जा रही हैं.
बीजेपी-जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक
नीतीश के इस्तीफे के बाद जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक होगी, जिसमें नीतीश कुमार को दल का नेता चुने जाने की उम्मीद है. इसके बाद बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक होगी और अंत में एनडीए विधानमंडल दल की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता घोषित किए जाने की उम्मीद है. इसके बाद एनडीए प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. हालांकि, अभी इस बारे में कोई भी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है कि 20 नवंबर को नीतीश कुमार शपथ लेंगे या एनडीए सरकार के तौर पर कोई और नेता सीएम पद की शपथ ग्रहण करेगा.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







