
बिहार चुनाव में ‘दोस्ती’ बनी चुनौती... 7 सीटों पर आमने-सामने महागठबंधन के ही उम्मीदवार
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बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर सहमति न बन पाने की वजह से कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल होने की स्थिति बनी. इससे महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस इस बार पहले से ज्यादा सख्त रुख में दिख रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, लालगंज, वैशाली, राजापाकर, बछवाड़ा, रोसरा, बिहार शरीफ और सिकंदरा, इन सात सीटों पर महागठबंधन के घटक दल आपस में आमने-सामने हैं.
पहले चरण में जहां नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं दूसरे चरण में सिकंदरा सीट को लेकर भी नई राजनीतिक खींचतान खुलकर सामने आई है. इस सीट पर कांग्रेस और आरजेडी, दोनों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. कांग्रेस के विनोद चौधरी जहां सिकंदरा से आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किए गए थे, वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी आरजेडी के सिंबल पर पर्चा दाखिल कर दिया है.
इसी तरह, लालगंज सीट पर कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को उम्मीदवार बनाया, लेकिन इसके कुछ घंटे बाद आरजेडी ने शिवानी शुक्ला को टिकट दे दिया. बछवाड़ा में वामदल और कांग्रेस के बीच टकराव हुआ है तो कहलगांव और राजापाकर में भी दोनों दलों के बीच फ्रेंडली फाइट की नौबत आ गई है.
सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे पर सहमति न बन पाने की वजह से कई सीटों पर एक ही गठबंधन के उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल होने की स्थिति बनी. इससे महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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