
'बिहार के लोगों के साथ बेईमानी...', विशेष राज्य के दर्जे से केंद्र के इनकार पर मनोज झा का वार
AajTak
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद सूबे में सियासत गर्म हो गई है. विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सीएम नीतीश के इस्तीफे की मांग कर रही है तो वहीं एनडीए बैकफुट पर है. आरजेडी सांसद मनोज झा ने इसे बिहार के लोगों के साथ बेईमानी बताया है.
मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने से ठीक पहले ये साफ कर दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने जा रहा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद रामप्रीत मंडल ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर संसद में सवाल पूछा था. इसके जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में कहा कि बिहार इसके लिए निर्धारित मानकों में फिट नहीं है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद सूबे में सियासत गर्म हो गई है. विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सीएम नीतीश से इस्तीफा मांगा है तो वहीं एनडीए बैकफुट पर है.
आरजेडी ने बताया बिहार के लोगों से बेइमानी
आरजेडी सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने कहा है कि ये लोग बिहार के लोगों के साथ बेईमानी कर रहे हैं. किसी भी कीमत पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हम काफी समय से इसकी मांग कर रहे हैं. नीतीश कुमार यह (दर्जा) दिलाने में नाकाम रहे. वहीं, आरा से सीपीआई (एमएल) के सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि बिहार में कोई कारखाना नहीं है. इसलिए विशेष राज्य का दर्जा चाहिए. नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी की वजह से मोदी सरकार चल रही है. इन लोगों (नीतीश कुमार और मांझी) को पीएम मोदी से इसके लिए बोलना चाहिए. राज्य विभाजन के बाद जब झारखंड अलग हुआ, तभी से बिहार की ये डिमांड रही है.
आरसीपी सिंह ने क्या कहा?
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हमलोगों को भीख मांगने से बचना है. हमें अपनी ताकत इतनी बढ़ानी है कि हम दूसरों को कुछ दें, न कि हम भीख मांगते रहें. उन्होंने कहा कि बिहार को भीख मांगने की मानसिकता से बाहर निकालना है. हमारी ये मुहिम है. आरसीपी सिंह ने कहा कि हमलोग आज भी मानसिक रूप से गुलाम हैं. दिनभर भीख मांगते रहते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में संसाधनों की कमी नहीं है.
भविष्य में भी होती रहेगी मांग- जेडीयू

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










