बालासोर ट्रेन हादसा: ओडिशा के मृतकों के बच्चों को फ्री शिक्षा देगा KIIT, एक सदस्य को नौकरी भी मिलेगी
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ओडिशा राज्य के 39 लोगों की बालासोर रेल हादसे में जान गई है. मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और बच्चों को फ्री शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार की मदद के लिए कीट (KIIT) और कीस विश्वविद्यालय (KISS University) आगे आया है. कीट और कीस विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंत ने कहा है कि रेल हादसे में ओडिशा के रहने वाले जितने भी लोग थे, उनके परिवार से एक व्यक्ति को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि जिन बच्चों ने इस हादसे में अपने माता-पिता को खोया है, कीट और कीस विश्वविद्यालय में पहली कक्षा से लेकर हायर एजुकेशन तक की पढ़ाई निःशुल्क रहेगी. आवेदन किस तरह से करना है जल्द ही इसकी जानकारी दी जाएगी.
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कुल 288 लोगों की मौत, 39 ओडिशा के
इस रेल हादसे में कुल 288 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में 39 लोग ओडिशा के थे. हादसा कैसे हुआ था इसके बारे में रेलवे ने जानकारी दी थी. रेलवे की तरफ से बताया गया था कि 2 जून की शाम 7 बजे के करीब ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए.
हर रेलवे स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी गाड़ी को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी दूसरी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो. बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े.
इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ. इस भीषण हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है. जबकि 1100 से ज्यादा जख्मी हुए. मृतकों में 39 लोग ओडिशा के रहने वाले थे.
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