
बारामती के गढ़ में अजित पवार का दबदबा कायम, सिर्फ एक सीट जीत पाए शरद पवार
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बारामती नगर परिषद चुनाव में करीब नौ साल बाद हुए मतदान में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बार फिर अपने गढ़ पर पकड़ बरकरार रखी, जहां उनकी अगुवाई वाली एनसीपी ने 41 में से 35 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया. हालांकि विपक्ष ने छह सीटें जीतकर उनके किले में हल्की सेंध भी लगाई.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का गढ़ माना जाने वाला बारामती एक बार फिर उनके कब्जे में ही रहा. हालांकि नगर परिषद चुनाव में विपक्ष ने भी कुछ अहम बढ़त हासिल की है. करीब नौ साल बाद हुए बारामती नगर परिषद चुनाव में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 41 में से 35 सीटें जीतकर नगर निकाय पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी. इसके बावजूद नतीजों ने एक राजनीतिक संदेश भी दिया है, क्योंकि छह सीटों पर अजित पवार के विरोधी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जिसे उनके गढ़ में अंदरूनी असंतोष के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
अंतिम नतीजों के मुताबिक, अजित पवार गुट के 27 उम्मीदवार, जिनमें मौजूदा नगर परिषद अध्यक्ष सचिन सातव भी शामिल हैं, मतगणना में विजयी रहे. इससे पहले इसी गुट के आठ उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके थे. इस तरह अजित पवार गुट की कुल सीटें 35 तक पहुंच गईं.
बारामती नगर परिषद में पहली बार विपक्षी दलों की एंट्री
विपक्ष की छह सीटों में शरद पवार गुट की एनसीपी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, बहुजन समाज पार्टी और तीन निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं. इन नतीजों के साथ ही पहली बार बारामती नगर परिषद में विपक्षी दलों की एंट्री हुई है, जो अब तक अजित पवार के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता रहा है. जातीय समीकरण और अंदरूनी नाराजगी को विपक्ष की इस सफलता की अहम वजह बताया जा रहा है.
दिलचस्प बात यह रही कि सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगी दल बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के साथ-साथ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) भी बारामती में एक भी सीट नहीं जीत सकीं.
अजित पवार के हाथ से फिसलीं छह सीटें

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