
बाबा बागेश्वर यानी धीरेंद्र शास्त्री की बंगाल में एंट्री, क्या बिहार की तरह बीजेपी ले पाएगी फायदा?
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बिहार में विधानसभा चुनावों के कुछ महीने पहले जिस तरह धीरेंद्र शास्त्री की एंट्री हुई थी, बिल्कुल उसी तर्ज पर वे बंगाल भी जा रहे हैं. 7 दिसंबर को वे एक विशाल गीता-पाठ आयोजन में हिस्सा लेंगे. बाबा रामदेव भी वहां मौजूद होंगे. अगले साल अप्रैल में बंगाल चुनाव होना है, ऐसे में बंगाल भाजपा धीरेंद्र शास्त्री की मौजूदगी का जरूर फायदा उठाना चाहेगी.
भारतीय राजनीति में धार्मिक नेताओं का रोल हमेशा से चर्चा में रहा है. एक ओर वे भक्तों को आकर्षित करते हैं, दूसरी ओर राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक का हथियार बन जाते हैं. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इसी कड़ी का एक प्रमुख नाम हैं. 2022 में कोविड काल में अपनी कथाओं से उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिली, और अब वे हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र के लिए इस तरह काम कर रहे हैं जिस तरह बीजेपी और संघ भी नहीं करते हैं.
शायद इसलिए उन पर आरोप लगता है कि वो बीजेपी की रणनीति पर काम कर रहे हैं. 7 दिसंबर को पश्चिम बंगाल में उनकी प्रस्तावित कथा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या यह बिहार 2025 विधानसभा चुनावों से पहले की उनकी सक्रियता का दोहराव है? क्या BJP 'बिहार मॉडल' की तर्ज पर बंगाल का किला फतह करने की तैयारी में है?
धीरेंद्र शास्त्री की बंगाल यात्रा
धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर बाबा या बाबा बागेश्वर भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम से ताल्लुक रखते हैं. उनकी कथाएं हनुमान चालीसा, राम कथा और हिंदू एकता पर केंद्रित होती हैं, जो लाखों लोगों को खींचती हैं. लेकिन 2023 से उनका राजनीतिक रंग गहरा होने लगा. PM मोदी ने फरवरी 2025 में उन्हें 'हिंदू एकता के प्रयासों' के लिए सराहा, जिसे विपक्ष ने सांप्रदायिकता का प्रमोशन बताया. शास्त्री खुद कहते हैं कि वे किसी पार्टी के नहीं, लेकिन 'सभी हिंदूवादी दलों' के समर्थक हैं.
X पर एक कांग्रेस समर्थक यूजर ने उन्हें 'BJP का वाइल्डकार्ड' बताते हुए लिखा कि चुनाव आते ही बाबा सक्रिय हो जाते हैं. शास्त्री का प्रभाव युवाओं और ग्रामीण हिंदुओं पर है, जो BJP के लिए सोने की खान है. मई 2025 में उन्होंने कन्वर्जन के खिलाफ पंजाब और बंगाल विजिट की घोषणा की थी. उसी क्रम में दिसंबर 2025 में कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड पर रामदेव और शास्त्री के साथ 'हिंदू यूनिटी' इवेंट प्लान है, जिसमें 5 लाख लोगों के जुटने की संभावना है. हालांकि इसी साल अक्तूबर में उनके बंगाल आने का कार्यक्रम ममता सरकार ने ऐन मौके पर कैंसल कर दिया था. अब देखना है कि 7 दिसंबर को प्रस्तावित उनके प्लान को ममता सरकार की मंजूर मिलती है नहीं.
क्या दीदी के रहते बंगाल में बाबा की एंट्री आसान है?

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