
बसों की खरीद से लेकर पर्यावरण रक्षक तक... दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने दिया प्रदूषण से निपटने का ब्ल्यूप्रिंट
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रेखा गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक दिल्ली में बसों की संख्या 3850 तक पहुंच जाएगी. उनकी सरकार ने बनने के बाद 2800 नई इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है और इस वर्ष के अंत तक बसों की संख्या 5500 तक पहुँचाने का लक्ष्य है. अगले वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर 11000 हो जाएगी. बसों के बेहतर उपयोग के लिए मार्गों का अनुकूलन किया जाएगा.
दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने राजधानी में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया. उन्होंने एक विस्तृत खाका पेश किया, जिससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार आ सके. उन्होंने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए.
रेखा गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक दिल्ली में बसों की संख्या 3850 तक पहुंच जाएगी. उनकी सरकार ने बनने के बाद 2800 नई इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है और इस वर्ष के अंत तक बसों की संख्या 5500 तक पहुँचाने का लक्ष्य है. अगले वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर 11000 हो जाएगी. बसों के बेहतर उपयोग के लिए मार्गों का अनुकूलन किया जाएगा.
उन्होंने DIMTS के शेयर के मुद्दे पर भी चर्चा की, जो ₹100 करोड़ का था लेकिन ₹10 करोड़ में बेचा गया. इसे वापस पाने के लिए कानूनी कार्यवाही की जाएगी. बस डिपो में 2026 तक 18000 चार्जिंग पॉइंट और प्राइवेट सेमी-प्राइवेट चार्जिंग पॉइंट 30000 तक स्थापित किए जाएंगे. फिलहाल 4500 चार्जिंग पॉइंट हैं जिन्हें 48000 तक बढ़ाया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति बनाई जाएगी.
दिल्ली सीएम ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट की भी व्यवस्था की जाएगी. बाहरी वाहनों के दिल्ली में घुसने पर एक नई प्रदूषण नीति लागू की जाएगी ताकि वे दिल्ली में प्रदूषण न फैलाएं. दिल्ली मेट्रो को बजट में ₹3000 करोड़ आवंटित किए गए हैं ताकि सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जा सके. साथ ही, धूल प्रदूषण को कम करने के लिए सड़क विकास परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है. नगर निगम द्वारा जल छिड़काव की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और प्रत्येक वार्ड में 4 वॉटर स्प्रिंकलर यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक समेकित कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की जाएगी. प्रदूषण मापने वाले स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन प्लांट्स की क्षमता 6 हजार टन तक बढ़ाई जाएगी. प्रदूषण से दिल्ली को बचाने के लिए 'पर्यावरण रक्षक' टीम का गठन किया जाएगा. ये कदम दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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