
अरावली: आज के भारत से भी पुराना इतिहास, अब वजूद पर संकट
AajTak
अरावली पर्वत तब बने थे जब गंगा नहीं थी. हिमालय नहीं था. महाद्वीप जुड़ रहे थे. जीवन की उत्पत्ति की शुरुआत हो रही थी. 250 करोड़ साल पुरानी इन पर्वतमालाओं की हाइट छोटी करने की बात कही जा रही है. ये तो ऐसा ही है जैसे इस दुनिया से छोटी ऊंचाई वाले जीवों को खत्म करने की बात कह दी जाए. जानिए इस फोल्डेड माउंटेन रेंज की कहानी...
भारत की धरती पर फैली अरावली पर्वत श्रृंखला न केवल एक भौगोलिक चमत्कार है, बल्कि यह दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है. राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली तक फैली यह श्रृंखला करीब 670 किलोमीटर लंबी है. इसका इतिहास पृथ्वी के प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, अरावली का निर्माण प्रोटेरोजोइक युग में हुआ था, जो लगभग 250-350 करोड़ साल पहले शुरू हुआ था. यह श्रृंखला न केवल भारत की जलवायु और पर्यावरण को प्रभावित करती है, बल्कि यह थार रेगिस्तान के फैलाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
अरावली पर्वत श्रृंखला उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित है, जो दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुजरात के पालनपुर से शुरू होकर दिल्ली तक फैली हुई है. इसकी ऊंचाई औसतन 300 से 900 मीटर तक है. सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर है जो 1,722 मीटर ऊंची है. यह राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू में है.
अरावली का नाम संस्कृत शब्द 'अरावलि' से आया है, जिसका अर्थ है- पत्थरों की पंक्ति. यह श्रृंखला भारत की प्राकृतिक दीवार की तरह काम करती है, जो थार रेगिस्तान के फैलाव को रोकती है. उत्तरी भारत को शुष्क हवाओं से बचाती है. यानी सूखी और गर्म हवाओं से.
वैज्ञानिक दृष्टि से, अरावली दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है. जबकि हिमालय जैसी युवा पर्वत श्रृंखलाएं मात्र 5 करोड़ वर्ष पुरानी हैं. अरावली का इतिहास 250 करोड़ वर्ष से अधिक पुराना है. यह प्रोटेरोजोइक युग की देन है, जब पृथ्वी की क्रस्ट (यानी ऊपरी परत) में बड़े बदलाव हो रहे थे.
यह भी पढ़ें: थार को थामे खड़ी अरावली के अस्तित्व पर संकट? अगर मिट गई तो क्या होगा...

बीजेपी विधायक पराग शाह ने रिक्शा ड्राइवर को थप्पड़ मारने के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने माना कि यह उनका गलत कदम था, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में कानून तोड़ना सही नहीं है. शाह ने विपक्ष और मीडिया से सवाल किया कि यदि कोई उनके घर पर अवैध कब्जा करता और कानून तोड़ता तो वे क्या करते.

भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी की यात्रा के लिए किराए में बढ़ोतरी का ऐलान किया है जो 26 दिसंबर 2025 से लागू होगा. 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब प्रति किलोमीटर 1 से 2 पैसे अतिरिक्त भुगतान करना होगा. इस बदलाव से रेलवे को सालाना लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है.

बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा में लक्ष्मीपुर में BNP नेता के घर को आग लगा दी गई, जिसमें उसकी 7 साल की बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. दो अन्य बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं देशभर में हिंसा, आगजनी और सांप्रदायिक घटनाओं से हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. प्रशासन का कहना है कि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

सूरत के ओलपाड इलाके में अक्षय रिसॉर्ट से हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने छापेमारी कर 8 थाई युवतियों को मुक्त कराया और 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया. कस्टमर से 2 से 8 हजार रुपये वसूले जाते थे. रैकेट का मास्टरमाइंड समेत 2 आरोपी फरार हैं. गिरफ्तार आरोपियों में रिसॉर्ट मालिक अक्षय भंडारी, मैनेजर रविसिंह राजपूत और अक्षय उर्फ गोल्डी शामिल हैं.

घने स्मॉग और कम विजिबिलिटी के कारण रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं. 110 फ्लाइट्स रद्द हुईं और 370 से ज्यादा उड़ानों में औसतन 26 मिनट की देरी दर्ज की गई. मौसम और कोहरे की मार के बीच दिल्ली की एयर क्वालिटी भी बेहद खराब श्रेणी में रही और एक्यूआई 386 दर्ज किया गया.

असम के नामरूप में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और घुसपैठियों को बचाने का आरोप मढ़ दिया. वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल में भी घुसपैठिए के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ममता की पार्टी को घेरा. जबकि विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर ऐसे मुद्दे को उठाकर खौफ पैदा करना चाहती है. ऐसे में सवाल ये कि क्या घुसपैठ मुद्दा है या बहाना? क्या अगले साल होने वाले बंगाल और असम चुनाव में घुसपैठ का मुद्दा चलेगा? देखें दंगल.







