
फ्री टिकट लेकिन बसों में समस्याएं अब भी विकट, जानिए क्या कह रही दिल्ली की आधी आबादी
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दिल्ली सरकार ने साल 2019 में महिलाओं के लिए फ्री बस टिकट की शुरुआत की थी. इससे महिलाओं को खूब फायदा हुआ है लेकिन बस में यात्रा करने को लेकर उनकी समस्याएं अब भी कम नहीं हुई हैं. सुरक्षा का मुद्दा हमेशा उनके साथ रहा है.
घर में कमाने वाला कोई नहीं है...मैं अकेली हूं, तो कहीं आने-जाने के लिए बस में चढ़ जाती हूं. सोचना नहीं पड़ता कि मेरे पास पैसे पड़े हैं या नहीं. किराये का पैसा बचता है, तो किसी और काम आ जाता है... 62 साल की सुरेखा देवी 50 साल से दिल्ली में रह रही हैं. कहीं आने-जाने के लिए बस का इस्तेमाल करती हैं और जब से महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा की शुरुआत हुई है, उनके लिए सहूलियत हो गई है.
वो कहती हैं, 'अगर हमारे लिए बस सेवा फ्री नहीं होती तो टिकट लगता, 40 रुपये तो लगते ही लगते... 20 आना, 20 जाना, ये 40 रुपये मेरे किसी और काम आ जाते हैं.'
अक्टूबर 2019 में दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा शुरू हुई थी. इसे पांच साल हो चुके हैं और दिल्ली में अगले महीने चुनाव भी हैं. आंकड़े बताते हैं कि फ्री बस सेवा की शुरुआत के बाद से बस में यात्रा करने वाली महिलाओं की तादाद बढ़ी है. फ्री बस सेवा से महिलाओं को कितना फायदा हुआ है, ये जानने के लिए हम DTC और क्लस्टर बसों में गए, जहां हमने कई लाभार्थी महिलाओं से बात की.
'किराए के बचे पैसों से किताब खरीद लेती हूं'
19 साल की गरिमा कनॉट प्लेस स्थित एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट में डी.एल. एड की पढ़ाई कर रही हैं. उनका इंस्टीट्यूट आना-जाना बस से ही होता है और फ्री बस सर्विस से उन्हें फायदा हुआ है. वो कहती हैं, 'मैं हर रोज बस से आती जाती हूं... कई बार पैसे होते हैं, कभी नहीं होते. बस की टिकट फ्री होने से किराया बच जाता है, जिससे कुछ खा लेती हूं, किताबें खरीद लेती हूं.'
17 साल की भूमि, कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा कर रही हैं और वो अपनी क्लासेज, एग्जाम के सिलसिले में नियमित दिल्ली की सरकारी बस से यात्रा करती हैं. हाथ में गुलाबी रंग की फ्री बस टिकट थामे भूमि कहती हैं, 'बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास कहीं आने-जाने के लिए पैसे नहीं होते. फ्री बस सेवा से पहले उन्हें दिक्कत आती थी लेकिन अब कम से कम उन्हें किराए का नहीं सोचना पड़ता है. तो ये अच्छी बात है.'

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