
फ्रांस और इटली में यौन व्यापार से पाबंदी हटाने की तैयारी, क्यों EU के देशों ने कसी थी इसपर लगाम?
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फ्रांस में विपक्ष की नेशनल रैली पार्टी जल्द ही ऐसा बिल लाने की तैयारी में है, जिससे सेक्स वर्कर अपना काम कानूनी तरीके से कर सकें. यूरोपियन यूनियन के कई देशों में भी यह मुद्दा उठ रहा है. इटली में जॉर्जिया मेलोनी सरकार भी सेक्स वर्क को वैध करने के इरादे में दिख रही है.
यूरोपीय देशों में इस समय सेक्स वर्करों को काफी विवाद चल रहा है. एक के बाद एक कई देश यौन व्यापार को वैध रूप देने की कोशिश में है. कुछ वक्त पहले इटली में चर्चा हुई, और अब फ्रांस भी इसके लिए विधेयक लाने में जुटा है. यूरोप में कई देशों में सेक्स वर्क प्रतिबंधित है. दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद महिलाओं का शोषण रोकने के लिए इस तरह के कानून बने, जहां सेक्स वर्करों को तो नहीं, लेकिन ग्राहकों को सजा मिलने लगी ताकि ये काम बंद हो सके.
क्या कह रही है पार्टी
चुनावों में बड़ी ताकत दिखा चुकी नेशनल रैली पार्टी एक बिल ला सकती है, जिसका मसौदा ज़ां फिलिप टैंगी ने बनाया है. यह सेक्स वर्करों को अपना काम खुद चलाने की अनुमति देगा. यानी बीच में कोई दलाल नहीं होगा और काम और उससे मिले पैसों का पूरा कंट्रोल काम करने वालों के हाथ में होगा. ये इसलिए होगा ताकि कोई उनका शोषण न कर सके.
समर्थकों का कहना है कि अगर यह काम नियमों के तहत किया जाएगा, तो अवैध सेक्स रैकेट कम होंगे और सेक्स वर्कर्स की सुरक्षा और हाइजीन तय हो सकेगी.
फ्रांस में ब्रॉथल्स का लंबा इतिहास रहा. उन्हें साल 1946 में बंद कर दिया गया. यह फैसला मार्थे रिचर्ड कानून के तहत लिया गया था, जो पहले खुद सेक्स वर्कर थीं और बाद में राजनीति में आईं. इस काम में महिलाओं का शोषण रोकना और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर लगाम कसना मकसद था. उस समय फ्रांस में कई ब्रॉथल ऐसे थे जहां महिलाओं को मजबूरन काम कराया जाता था. ये जगहें हिंसा और बीमारियों का अड्डा बनी हुई थीं.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद सोसायटी में बदलाव और महिला सुरक्षा पर खूब बात हुई . मार्थे रिचर्ड जोर-शोर से अपने मुद्दे उठा रही थीं. आखिरकार अप्रैल 1946 में कानून पास हुआ और लगभग 1400 से ज्यादा ब्रॉथल्स बंद कर दिए गए. वैसे ये सभी 19वीं सदी से सरकार की निगरानी में चल रहे थे, लेकिन कानून के बाद इन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया गया.

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