
फोन चार्ज करते वक्त ये काम करते हैं? आपका मोबाइल फट भी सकता है, जानिए सही तरीका
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स्मार्टफोन चार्जिंग को लेकर कई मिथ वायरल होते रहते हैं. फोन चार्ज करते समय अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी और साथ ही किसी तरह के हादसे से भी बच पाएंगे.
स्मार्टफ़ोन चार्जिंग को लेकर कई मिथ वायरल होते रहते हैं. जैसे - रात भर फ़ोन को प्लग लगा कर सोना, फोन को 0% तक गिरने देना या बार-बार 100% तक पुश करना. इनमें से कुछ फैक्ट्स हैं जो आपको जानना चाहिए.
फ़ोन चार्ज करने की ये आदतें आपकी डिवाइस की बैटरी के लिए जितनी नॉर्मल लगती हैं, उतनी ही हानिकारक भी हो सकती हैं. एक्सपर्ट और रिसर्च बताते हैं कि कुछ बेसिक नियम समझकर आप अपनी बैटरी की लाइफ और सुरक्षा दोनों बचा सकते हैं.
सबसे पहले यह जान लीजिए कि ज्यादातर मॉडर्न स्मार्टफोन बैटरियां लिथियम-आयन होती हैं. साइंटिफिक फैक्ट्स को समझें तो लिथियम आयन बैटरी को पूरा खाली कर देना या बार-बार फुल चार्ज करना ठीक नहीं है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फुल डिस्चार्ज यानी बैटरी को 0% तक ले जाना उसकी लाइफ कम कर देता है. इसलिए छोटे-छोटे चार्जिंग साइकिल्स करना बेहतर होता है. कई लोग फ़ोन की बैटरी पूरी तरह ड्रेन होने का इंतज़ार करते हैं.
कई बार ये भी सुनने को मिलता है कि 100% तक चार्ज करना बैटरी खराब कर देता है. कुछ एक्स्पेरिमेंट्स ने दिखाया है कि बैटरी को बार-बार हाई वोल्टेज स्टेट में रखना यानी 100% पर लंबे समय तक रखना, लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है.
हालांकि बैटरी 80% तक सीमित रखना बैटरी लाइफ के लिए बेहतर माना जाता है. आज के स्मार्टफोन्स में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम काफी एडवांस्ड हैं, जो इस नुकसान को कम करते हैं. फिर भी रोजाना के लिए कोशिश करें कि आपका फोन ज्यादातर समय 20% से 80% के बीच रहे.

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