
फूड सिक्योरिटी से यूक्रेन युद्ध तक, जानिए PM मोदी और पुतिन के बीच हुई क्या बात
AajTak
शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा एक बयान जारी कर कहा गया है कि 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच किए गए समझौते के अनुसार एक जुलाई को दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टेलीफोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय व्यापार और अन्य वैश्विक मसलों पर चर्चा की गई. इसके अलावा, पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई. बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति से चर्चा की और भारत के बातचीत से समाधान निकालने के रुख को दोहराया. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन युद्ध के बारे में पूरी जानकारी दी.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा एक बयान जारी कर कहा गया है कि 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच किए गए समझौते के अनुसार एक जुलाई को दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की है. दोनों नेताओं ने दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के बारे में समीक्षा की. विशेष रूप से उन्होंने कृषि वस्तुओं, उर्वरकों और फार्मा उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार को और कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई.
उर्वरक आपूर्ति के बारे में भी चर्चा
भारत ने फरवरी में रूस के साथ उर्वरकों के लंबे समय तक आयात के लिए वन-टू-वन बातचीत शुरू की है, जिसे रिपोर्ट के अनुसार वस्तु विनिमय समझौते के तहत अंतिम रूप दिया गया है. दरअसल, भारत कृषि क्षेत्र को उर्वरक आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर करता है. यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है. दोनों नेताओं ने 'खाद्य सुरक्षा' के मुद्दों पर भी चर्चा की.
वैश्विक खाद्य बाजार पर भी बातचीत
भारतीय बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और खाद्य बाजारों की स्थिति सहित वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की. क्रेमलिन के एक बयान के अनुसार, वैश्विक खाद्य बाजार की वर्तमान स्थिति के बारे में बातचीत की गई. व्लादिमीर पुतिन ने कई राज्यों द्वारा की गई प्रणालीगत गलतियों की ओर ध्यान आकर्षित कराया. जिसकी वजह से खाद्य उत्पादों के मुक्त व्यापार की व्यवस्था गड़बड़ाई और उनकी लागत में बढ़ी वृद्धि हुई है.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







