
पैकिंग देखने में बिल्कुल असली, अंदर घी का 0.1 फीसदी भी अंश नहीं... फेस्टिव सीजन में हो जाएं सावधान
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हमारी टीम ने इस नकली घी के सैम्पल्स को दिल्ली की एक लैब में जांच के लिए भेजा और इसकी जांच में पता चला है कि इस नकली घी में घी की 0.1 पर्सेंट भी मात्रा नहीं है. ये घी असल में घी है ही नहीं, और इसे नकली घी कहना भी गलत होगा. नकली घी का मतलब उस घी से होता है, जिसमें असली घी का भी कुछ अंश होता है और बाकी इसमें मिलावट की जाती है.
हमारे देश में सिर्फ दिवाली के समय 2 लाख किलोग्राम घी का इस्तेमाल होता है और इस समय बाज़ारों में घी खरीदने के होड़ मची हुई है, ऐसे में कुछ लोग मिलावटी घी भी बेच रहे हैं. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है कि कहीं आप नकली घी तो नहीं खा रहे हैं? आजतक ने एक-एक लीटर घी के दो डिब्बों की जांच की. इन दोनों डिब्बों पर अमूल कम्पनी का नाम लिखा है, इन दोनों डिब्बों पर ही शुद्ध देसी घी लिखा है, दोनों डिब्बों पर इसे असली घी बताया गया है और दोनों डिब्बों पर QR कोड अंकित हैं. बाज़ार में जब आप घी खरीदने जाते हैं, तो वहां ये दोनों डिब्बे नहीं होते, तो हो सकता है कि आप नकली घी खरीदकर अपने घर ले आएं.
कितना खतरनाक है नकली घी? सबसे पहले आप ये जानिए कि नकली घी कितना खतरनाक हो सकता है? हमारी टीम ने इस नकली घी के सैम्पल्स को दिल्ली की एक लैब में जांच के लिए भेजा और इसकी जांच में पता चला है कि इस नकली घी में घी की 0.1 पर्सेंट भी मात्रा नहीं है. ये घी असल में घी है ही नहीं, और इसे नकली घी कहना भी गलत होगा. नकली घी का मतलब उस घी से होता है, जिसमें असली घी का भी कुछ अंश होता है और बाकी इसमें मिलावट की जाती है, लेकिन इस लैब रिपोर्ट के मुताबिक अमूल कम्पनी के नाम से बेचे जा रहे इस नकली घी में घी का अंश तो बिल्कुल भी नहीं है.
कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं नकली घी से जो असली घी होता है उसमें Hydro-Genated Fat नहीं होता. लेकिन इस नकली में इस FAT के कुछ अंश मिले हैं और ये FAT दिल के मरीजों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है और ये TRANS FAT है, जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा शुद्ध देसी घी में Vegetagle Fat भी नहीं होता, लेकिन इस नकली घी में भी इस Vegetagle Fat के होने की पुष्टि हुई है और ये वो Vegetagle Fat है, जिससे ह्रदय रोग हो सकता है और TYPE-2 डायबिटीज़ की भी बीमारी हो सकती है.
इसके अलावा जांच में ये भी पता चला कि असली घी में Myristic Acid और Stearic Acid जैसे तत्व जरूर होते हैं और ये तत्व अगर किसी घी में ना हो, वो घी नहीं हो सकता. इस घी में भी ये दोनों तत्व नहीं मिले हैं, जिससे ये पता चलता है कि ये असल में नकली घी भी नहीं है.
क्या है अमूल कम्पनी का कहना?
अमूल कम्पनी का कहना है कि ये घी जिस डिब्बे में बेचा जा रहा है, वो डिब्बे तीन साल पहले इस्तेमाल होते थे, नकली घी से लोगों को बचाने के लिए अमूल कम्पनी ने असली घी की पैकेजिंग को बदल दिया, लेकिन इसका गोरखधंधा करने वाले लोग इतने चालाक हैं कि उन्होंने पुराने डिब्बे में चिकनाई और दूसरी चीजों को असली घी की केमिकल वाली सुगंध के साथ बेचना शुरू कर दिया. बता दें कि इस समय भारत के बाज़ारों में जो पैकेट बंद घी बिक रहा है, उसमें अकेले अमूल कम्पनी के घी की हिस्सेदारी 20 पर्सेंट है.

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