
पूर्वोत्तर भारत के लोगों के साथ भेदभाव पर कानून बनाने के मुद्दे पर SC ने किया इनकार, कहा- ये सरकार का काम
AajTak
पूर्वोत्तर भारत के लोगों के साथ भेदभाव से निपटने के लिए कानून बनाने और देश के इस हिस्से के इतिहास, भूगोल की जानकारी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ये नीतिगत मसला है. नीति बनाना और लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है.
भारत एक विशाल देश है. इसमें एक कोने से दसरे कोने तक भाषा से लेकर खान-पान तक सब बदल जाता है. ऐसे में पूर्वोत्तर भारत के लोग उत्तरी भारत के लोगों के सामने भेदभाव महसूस करते हैं. उनकी कई तरह की शिकायतें रहती हैं. इस भेदभाव से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई.
लेकिन पूर्वोत्तर भारत के लोगों के साथ भेदभाव से निपटने के लिए कानून बनाने और देश के इस हिस्से के इतिहास, भूगोल की जानकारी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया.
पुलिस में कर सकते हैं शिकायत दर्ज
कोर्ट ने कहा कि ये नीतिगत मसला है. नीति बनाना और लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है. हर बुराई या जरूरत के लिए कोर्ट का दखल जरूरी नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि जहां तक Youtube पर नस्लीय भेदभाव वाले वीडियो अपलोड करने का मसला है, इसके लिए पुलिस को शिकायत दे सकते हैं. पुलिस और संबंधित विभाग ही कार्रवाई करने में सक्षम हैं.
कानून बनाने की उठी मांग
बता दें कि पूर्वोत्तर भारत यानी असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम है. यह देश के सीमावर्ती राज्य हैं. इसलिए लोग इनका मजाक उड़ाते हैं. इसी से आहत लोगों ने इसपर कानून बनाने की मांग की थी.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










