'पूरी दुनिया के हिंदुओं में नफरत...', उदयनिधि के बयान पर मलेशिया तक पहुंचा विवाद, हिंदू संगठन ने की एक्शन की मांग
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तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म से जुड़े विवादित बयान पर हंगामा मचा है. मलेशिया के हिंदू संगठन ने उनके बयान की आलोचना करते हुए भारतीय उच्चायोग को एक पत्र लिखा है. हिंदू संगठन का कहना है कि उदयनिधि ने अपने भाषण में सनातन धर्म की शुद्धता पर हमला किया है.
तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को लेकर दिए अपने बयान के कारण देशभर में निशाने पर है. स्टालिन ने एक सम्मेलन में कह दिया कि सनातन धर्म डेंगू मलेरिया की तरह है जिसे मिटाना जरूरी है. DMK नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के इस बयान पर भारत के साथ-साथ विदेशों से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है. मलेशिया के एक हिंदू संगठन ने मलेशिया स्थित भारत के उच्चायोग को एक निंदा पत्र लिखकर स्टालिन के बयान पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है.
4 सितंबर को लिखे पत्र में मलेशिया हिंदू संगम ने कहा, 'मलेशिया हिंदू संगम और मलेशिया के हिंदू समुदाय की तरफ से हम उदयनिधि स्टालिन के बयान का कड़ा विरोध करते हैं. सनातन रोको कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जो बयान दिया, हम उसकी निंदा करते हैं. उन्होंने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में दिए गए भाषण में सनातन धर्म की तुलना मच्छरों, डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की और कहा कि सनातन धर्म को बढ़ने से रोकना होगा.'
'स्टालिन ने किया नरसंहार का आह्वान'
मलेशिया हिंदू संगम ने पत्र में लिखा कि दूसरे शब्दों में कहें तो तमिलनाडु के खेल मंत्री एक ऐतिहासिक धर्म के लोगों के नरसंहार का आह्वान कर रहे थे. उन्होंने अपने भाषण में हिंदुत्व, जिसे सनातन धर्म भी कहा जाता है, की शुद्धता को तार-तार कर दिया. यह एक अपमानजनक भाषण था जिसमें एक मंत्री ने ऐसे धर्म के खिलाफ बोला, जिसे भारत में अधिकतर लोग मानते हैं.
पत्र में आगे लिखा गया, 'मंत्री होने के नाते, उन्हें धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए और पूरी पारदर्शिता के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करना चाहिए. उन्होंने अपने भाषण से पूरी दुनिया के हिंदुओं में नफरत और गुस्से को बढ़ाया है.'
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