
पीएम-सीएम को हटाने वाले बिल को TMC ने बताया तमाशा, JPC का करेगी बॉयकॉट
AajTak
लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों वाली जेपीसी को इन तीन विधेयकों की समीक्षा का जिम्मा सौंपा गया है. जेपीसी को नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शनिवार को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिनों की गिरफ्तारी पर हटाने के लिए बनाए गए तीन विधेयकों की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (TMC) को तमाशा करार देते हुए इसमें कोई सदस्य नामित नहीं करने का ऐलान किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि वह इस समिति में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी.
सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (SP) भी जेपीसी में अपने किसी सदस्य को भेजने के पक्ष में नहीं है. टीएमसी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि टीएमसी और सपा, जो कांग्रेस के बाद संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टियां हैं, उन्होंने जेपीसी में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी की बहुमत के कारण ये समितियां पक्षपातपूर्ण हो जाती हैं.
ओ’ब्रायन ने कहा, 'लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष मिलकर जेपीसी के अध्यक्ष का चयन करते हैं, और सदस्यों का नामांकन पार्टी की संख्या के आधार पर होता है. इससे समिति का झुकाव सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में हो जाता है.' बता दें कि 20 अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए ये विधेयक- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को उनके पद से हटाने का कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं.
यह भी पढ़ें: संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के हवाले... लोकसभा में 31% तो राज्यसभा में 38 फीसदी काम, जनता के 204 करोड़ बर्बाद!
तीन विधेयकों को समीक्षा के लिए JPC में भेजा गया
इन विधेयकों को समीक्षा के लिए जेपीसी में भेजा गया है. टीएमसी ने बयान में कहा, 'हम 130वें संविधान संशोधन विधेयक का शुरूआत में ही विरोध करते हैं और हमारे लिए जेपीसी एक तमाशा है. इसलिए हम अपने किसी सदस्य को इसमें नामित नहीं कर रहे.' डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि जेपीसी में सत्तारूढ़ पार्टी अपनी संख्या के बल पर विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर देती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष के सांसद खुले दिमाग के बजाय सरकार के विचारों पर मुहर लगाते हैं. विपक्षी सांसदों के पास केवल असहमति नोट दर्ज करने का विकल्प बचता है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







