पालतू गाय से था इतना प्यार; परिवार ने निकाली शवयात्रा, नम आंखों से दी विदाई!
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Madhya Pradesh के Jhabua में जहां एक गाय के मालिक ने उसकी मौत के बाद परिवार के एक सदस्य की ही तरह उसे अंतिम विदाई दी. मामला झाबुआ जिले के Thandla का है. आत्मा राम की पालतू गाय रानी की बीमारी से मौत हो गई. आत्मा राम ने रानी को अपने बच्चों की ही तरह पाल कर बड़ा किया था लिहाज़ा गाय की मौत से पूरा परिवार बेहद गमगीन हो गया. आम तौर पर गाय की मौत पर नगर निगम को सूचना दी जाती है लेकिन आत्माराम के परिवार ने तय किया कि वह अपनी गाय को परिवार के सदस्य की ही तरह अंतिम विदाई देंगे.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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