पाकिस्तान के आगे कुआं, पीछे खाई! जाए तो कहां जाए
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विदेशी मुद्रा का संकट झेल रहे पाकिस्तान एक साल के अंदर दूसरी बार सऊदी अरब से कर्ज लेगा. विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए पाकिस्तान विदेशी संपत्तियों को बेच रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार की स्थिति ऐसी है कि सरकार यूरो बॉन्ड तक नहीं जारी कर सकती है.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने डिफॉल्ट होने से बचने के लिए एक बार फिर सऊदी अरब की ओर रुख किया है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि कुछ दिनों में सऊदी अरब पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर कर्ज देगा.
एक साल के भीतर यह दूसरी बार होगा कि पाकिस्तान सऊदी अरब से बेलआउट कर्ज लेगा. विदेशी मुद्रा का गंभीर संकट झेल रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार संपत्तियों को बेचकर विदेशी मुद्रा जुटाएगी. इसके अलावा इशाक डार ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को भी एक विकल्प के रूप में देख रही है.
हालांकि, आईएमएफ से मदद मिलना पाकिस्तान के लिए इतना आसान नहीं है. आईएमएफ की शर्तें मानने से पाकिस्तान में जनता पर महंगाई और टैक्स का बोझ बढ़ेगा जिससे शहबाज शरीफ सरकार को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ेगी.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, वित्त मंत्री ने ट्रिब्यून को बताया कि सऊदी अरब से पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का बेलआउट कर्ज मिलेगा. हालांकि, इस पर सऊदी किंग मोहम्मद बिन सलमान की अंतिम सहमति बाकी है. पाकिस्तान को सऊदी अरब से ये मदद मिल भी गई तो भी उसका आर्थिक संकट पूरी तरह से खत्म नहीं होगा.
पाकिस्तान का खाली खजाना
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है जो सिर्फ तीन हफ्ते के आयात बिल के लिए ही पर्याप्त है. देश में आर्थिक संकट की गंभीरता को देखते हुए एनएससी (राष्ट्रीय सुरक्षा समिति) समेत पाकिस्तानी मिलिट्री लीडरशिप ने एक सप्ताह के अंदर दो से ज्यादा बार इस पर चर्चा की है.