
पति या पत्नी किसके नाम लें टर्म इंश्योरेंस? फैसले लेने के दो तरीके
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Term Insurance: टर्म प्लान सुनिश्चित करता है कि आपके न रहने पर आपके परिवार को रोटी, कपड़ा, मकान वगैरह की आवश्यकता पूरी होती रहे. यानी बीमाधारक की मौत के बाद परिवार को एकमुश्त राशि मिलती है. टर्म प्लान सामान्यत: 18 वर्ष से 70 साल तक की उम्र के लिए उपलब्ध होते हैं.
फाइनेंशियल प्लानर हमेशा सबसे पहले टर्म प्लान (Term Plan) लेने की सलाह देते हैं. हर किसी को नौकरी की शुरुआत के साथ टर्म प्लान लेना चाहिए. लेकिन अभी भी देश में अधिकतर लोग ऐसी पॉलिसी के पीछे भागते हैं, या फिर चुनते हैं, जिसमें रिस्क कवर (Risk Cover) के साथ-साथ रिटर्न भी मिलता हो. जबकि सही मायने में टर्म प्लान को ही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कहते हैं. इसलिए हर किसी को टर्म प्लान (टर्म इंश्योरेंस) सबसे पहले लेना चाहिए.
अब सवाल उठता है कि पति-पत्नी में से पहले टर्म प्लान किसे लेना चाहिए, या किसके लिए ज्यादा जरूरी है? आप कैसे तय करेंगे कि किसे पहले टर्म प्लान लेना चाहिए. फाइनेंशियल प्लानर की मानें तो अगर पति-पत्नी दोनों जॉब में हैं, फिर दोनों को टर्म इंश्योरेंस खरीदना चाहिए.
हर किसी के लिए टर्म प्लान जरूरी
लेकिन अगर दोनों में एक नौकरी यानी जॉब में है, तो फिर ऐसी स्थिति में जो जॉब में है, उसे टर्म इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि वे अक्सर ट्रैवल करते हैं. फाइनेंशियल प्लानर के मुताबिक अगर पति काम के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं या रोजाना ट्रैवल (Travel) कर दफ्तर जाते हैं, तो उनके लिए टर्म प्लान ज्यादा जरूरी है. क्योंकि रोड पर निकलने से हादसे का खतरा बना रहता है. जबकि पत्नी घर में रहती हैं तो वो इस खतरे से सुरक्षित हैं. वहीं अगर पत्नी नौकरी में है तो उन्हें पहले टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए. महिलाओं के टर्म इंश्योरेंस प्लान सस्ते होते हैं.
वैसे तो नौकरी में रहें या ना रहें, टर्म प्लान पति-पत्नी दोनों के लिए जरूरी है. लेकिन अक्सर परिवार में एक सदस्य ही टर्म प्लान लेता है, ऐसी स्थिति में ऊपर दिए गए सुझाव के आधार पर फैसले ले सकते हैं.
ऐसे चयन करें बीमाधारक

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