पतंग के धागे पर लिख दिया 'वंदे मातरम', उंगलीभर की किताब में लिखीं पॉलिटिकल पार्टी की सारी योजनाएं
AajTak
सरसों के दाने पर 'आई लव माय इंडिया' लिखने वाले अतुल कश्यप ने अपने पैशन से एक बार फिर नया कारनामा किया है. अतुल ने इस बार पतंग के धागे पर वंदे मातरम लिखा है. वहीं नाखून के बराबर 150 पेज की एक किताब भी लिख दी, जिसमें हनुमान चालीसा लिखा है. इसके अलावा अंगुलीभर की एक किताब में राजनीतिक दल की पूरी योजनाएं दर्ज कर दी हैं.
इसे हुनर की बारीकी कहिए या बारीकी का हुनर... अतुल कश्यप दोनों ही बातों पर एकदम फिट बैठते हैं. 32 साल के अतुल कश्यप ने वो तमाम सारी चीजें अपने हाथों से बनाकर लिख दीं, जिनको पढ़ने में आपकी आंखों को बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी.. कसरत करनी पड़ेगी.. कभी पतंग के धागे पर वंदे मातरम लिख दिया तो कभी अरविंद केजरीवाल का ऐसा स्केच बनाया, जो आपको देखने में स्केच सा लगता हो, लेकिन इस तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो इसमें अरविंद केजरीवाल की पूरी जीवनी लिखी हुई है. अतुल कश्यप ऐसे ही बारीक लेखन के लिए सालों से मेहनत करते आ रहे हैं. वह कहते हैं कि उन्होंने आज तक इस काम को अपना पेशा नहीं बनाया, लेकिन वह इसे अपना पैशन जरूर मानते हैं.
सरसों के दाने पर लिख चुके हैं 'आई लव माय इंडिया'
32 साल के अतुल कश्यप बीएससी में ग्रेजुएट हैं. उन्होंने कभी भी इसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली. इसके पहले वो एक मोबाइल कंपनी में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में जॉब चली गई. इसके बाद कई महीने तक इन्हें खाली बैठना पड़ा, लेकिन यह लॉकडाउन उनके लिए किसी अवसर से कम नहीं रहा. अतुल कहते हैं कि उसी वक्त उन्होंने अपने पैशन को फॉलो करना शुरू किया और दोबारा से अपने हुनर को निखारा. इसके पहले अतुल ने 2005 में पहली बार एक सरसों के दाने पर 'आई लव माय इंडिया' लिखा था.
सुई के छेद में डाल दिए 80 से ज्यादा धागे
तिहाड़ जेल के अंदर गोगी गैंग के गैंगस्टर पर चाकू से हमला, टिल्लू ताजपुरिया गैंग के दो गुर्गों पर FIR
पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (DCP) विचित्र वीर ने बताया कि बुधवार को डीडीयू से हरि नगर थाने में सूचना मिली थी कि तिहाड़ जेल से एक घायल व्यक्ति को अस्पताल लाया गया है. इसके आधार पर स्थानीय पुलिस अस्पताल पहुंची और मामले की जानकारी ली.
2019 की तुलना में 2024 में बेहतर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने 99 सीटें जीत ली हैं. 2024 में कांग्रेस ने जिन 99 सीटों पर जीत हासिल की है, उनमें से 42 साउथ इंडिया से हैं. कांग्रेस के लिए साउथ इंडिया ने हमेशा बूस्टर डोज की तरह काम किया है. 1977 में जब इंदिरा गांधी हार गई थीं तो साउथ इंडिया ने ही उन्हें संसद पहुंचाया था. सोनिया गांधी ने भी अपना पहला चुनाव साउथ इंडिया से ही लड़ा था.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है. ऐसे में जल्द ही नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. जानकारी के अनुसार एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है. जानकारों का मानना है कि अगर एनडीए ही नई सरकार बनाती है, तो इस बार कैबिनेट जरूर पूरी तरह से बदली हुई नजर आएगी.
लोकसभा चुनाव नतीजों में कश्मीर का जनादेश चौंकाने वाली रहा. 'नया कश्मीर' ने दो हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की जगह जेल में बंद इंजीनियर राशिद को चुना है. चुनाव के दिन सूबे की जनता ने ऐतिहासिक रूप से बड़ी संख्या में घरों से निकलकर ऐसी नाटकीय पटकथा लिखी जिसने जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ़्ती की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.