पंजाब कांग्रेस: रोड रेज़ केस में सिद्धू को एक साल की सज़ा, सुनील जाखड़ ने थामा भाजपा का दामन
The Wire
27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में हुई रोड रेज़ की इस घटना के समय कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनके बचपन के दोस्त रूपिंदर सिंह संधू उर्फ बनी भी थे. दोनों ने कथित तौर पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के साथ मारपीट की थी, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. शुक्रवार को सिद्धू ने मामले में आत्मसमर्पण करने के लिए एक हफ़्ते का समय मांगा है. वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पर पंजाब को बांटने की कोशिश का आरोप लगाया है.
फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाली कांग्रेस के लिए यह घटनाक्रम एक और झटका है. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी 117 सदस्यीय सदन में 79 से घटकर सिर्फ 18 सीट पर सिमट गई थी. 1988 road rage case | Congress leader Navjot Singh Sidhu's lawyer senior advocate Abhishek Manu Singhvi seeks a week's time for his client to surrender citing some "medical conditions"
चुनावों से कुछ हफ्ते पहले पार्टी के एक दिग्गज नेता – अपदस्थ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह – ने अपनी पार्टी बनाई और भाजपा के साथ गठबंधन किया. विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पंजाब में खुद को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू कर दिया था. Supreme Court asks Singhvi to move a proper application and mention it before the CJI bench
इधर, सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने के कुछ दिनों बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में दिल्ली में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम लिया. सुनील जाखड़ के पिता बलराम जाखड़ कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री और लंबे समय तक लोकसभा अध्यक्ष भी थे. — ANI (@ANI) May 20, 2022
सिद्धू की तरह सुनील जाखड़ भी कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष रह चुके थे.