
'न बिरयानी, न आराम... 2-3 महीने में हो फांसी', तहव्वुर राणा के खिलाफ फूटा 26/11 हमले के पीड़ितों का गुस्सा
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भारत पहुंचने के बाद तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा. जेल प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम कर लिए हैं और राणा के भारत आने के बाद अदालत के आदेश का इंतजार है. इस खबर के बाद देश में आम जनता और पीड़ितों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
2008 के 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा आज गुरुवार को भारत पहुंच जाएगा. 64 वर्षीय तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है, लॉस एंजेलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था. वह मुंबई अटैक के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी माना जाता है.
फरवरी में अमेरिका के व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक हुई थी. इस दौरान ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने एक बहुत ही खतरनाक आतंकी को भारत भेजने की इजाजत दे दी है, ताकि वह भारत में सजा भुगते. इसके बाद अब उसे भारत लाया जा रहा है.
भारत लाने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने बताया कि भारत की एक बहु-एजेंसी टीम अमेरिका पहुंची जो सभी कागज़ी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद विशेष विमान से उसको भारत लेकर आ रही है. राणा की अमेरिका में प्रत्यर्पण रुकवाने की आखिरी कोशिश भी नाकाम रही जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.
भारत पहुंचने के बाद राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा. जेल प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम कर लिए हैं और अब अदालत के आदेश का इंतज़ार है. इस खबर के बाद देश में आम जनता और पीड़ितों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
पीड़ितों बोले- राणा को जल्द से जल्द हो फांसी
मोहम्मद तौफीक उर्फ ‘छोटू चाय वाला’, जिनकी सतर्कता से कई जानें बचीं थीं, ने कहा, "भारत को तहव्वुर राणा जैसे आतंकियों को कोई सुविधा नहीं देनी चाहिए. न बिरयानी, न आराम, जैसी कसाब को दी गई थीं. ऐसे आतंकियों के लिए अलग से कानून बनना चाहिए, जिससे 2-3 महीने में उन्हें फांसी दी जा सके."

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