न्यायाधीश की मौत के मामले में सीबीआई ने कोई नया तथ्य नहीं खोजा, झारखंड हाईकोर्ट नाख़ुश
The Wire
झारखंड हाईकोर्ट मामले में सीबीआई की धीमी जांच और फॉरेंसिक साइंसेज लैबोरेटरी में कर्मचारियों की कमी पर नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार इस अदालत को अंधेरे में रखना चाहती है. धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
रांची: धनबाद शहर में न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच में कोई नया तथ्य नहीं खोज पाने का उल्लेख करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने जांच की धीमी गति को लेकर बृहस्पतिवार को नाखुशी जाहिर की. मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने फॉरेंसिक साइंसेज लैबोरेटरी (फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) में कर्मचारियों की कमी पर भी नाखुशी जाहिर की तथा राज्य के गृह सचिव और प्रयोगशाला के निदेशक को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया. पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जांच में ऐसा कुछ भी खुलासा नहीं हुआ है, जो पहले से ज्ञात नहीं है. यह याचिका, 28 जुलाई को धनबाद शहर में एक ऑटो रिक्शा (तिपहिया वाहन) की टक्कर के बाद 49 वर्षीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की जांच की निगरानी करने के लिए दायर की गई है.More Related News