
नूपुर शर्मा मामले की सुनवाई करने वाले जज ने सरकार से सोशल मीडिया पर लगाम कसने को कहा
The Wire
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शुक्रवार को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी. इसको लेकर सोशल मीडिया पर जजों के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणियां की गईं. पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे. उन्होंने कहा है कि हमारे संविधान के तहत क़ानून के शासन को बनाए रखने के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया को देश में अनिवार्य रूप से विनियमित करने की ज़रूरत है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेबी पारदीवाला ने सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों पर ‘व्यक्तिगत, एजेंडा संचालित हमलों’ के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने की प्रवृत्ति को ‘खतरनाक’ करार देते हुए रविवार को कहा कि देश में संविधान के तहत कानून के शासन को बनाए रखने के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया को अनिवार्य रूप से विनियमित किया जाना जरूरी है.
जस्टिस पारदीवाला ने राजधानी दिल्ली में हुए एक एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की. उनका संदर्भ पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणियों को लेकर अवकाशकालीन पीठ की कड़ी मौखिक टिप्पणियों पर हुए हंगामे से था.
इस खंडपीठ में जस्टिस पारदीवाला भी शामिल थे. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उनकी ‘बेलगाम जुबान’ ने ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है’ और उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
पीठ की इन टिप्पणियों ने डिजिटल और सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक बहस छेड़ दी और इसी क्रम में न्यायाधीशों के खिलाफ कुछ अभद्र टिप्पणियां की गई हैं.
