
निर्दोष होने के बाद भी 23 सालों तक जेल में रहा शख्स, अब मिलेगा 3.6 करोड़ का हर्जाना
AajTak
अमेरिका में एक शख्स को निर्दोष होने के बावजूद 23 सालों तक जेल की सजा काटनी पड़ी थी और आखिरकार इस व्यक्ति को न्याय मिला है. कोर्ट का कहना है कि इस मामले में हर्जाने के तौर पर इस व्यक्ति को पांच सौ हजार डॉलर्स यानी लगभग साढ़े तीन करोड़ की राशि का भुगतान किया जाए.
अमेरिका में एक शख्स को निर्दोष होने के बावजूद 23 सालों तक जेल की सजा काटनी पड़ी थी और आखिरकार इस व्यक्ति को न्याय मिला है. कोर्ट का कहना है कि इस मामले में हर्जाने के तौर पर इस व्यक्ति को पांच सौ हजार डॉलर्स यानी लगभग 3.6 करोड़ की राशि का भुगतान किया जाए. बता दें कि कर्टिस फ्लावर्स को जनवरी 1997 में अरेस्ट किया गया था. कर्टिस पर आरोप था कि उसने अमेरिका के शहर वीनोना में चार लोगों की हत्या की है. ये घटना एक फर्नीचर स्टोर में हुई थी. उसके बाद से ही कर्टिस जेल में ही था और उसे दिसंबर 2019 में जेल से आजादी मिली थी. मिसिसीपी के जज जॉर्ज मिचेल ने सरकार को आदेश दिया है कि इस शख्स को हर साल, दस सालों तक 50-50 हजार डॉलर्स दिए जाएं. इसके अलावा जज ने ये भी कहा कि एटॉर्नी की फीस के लिए भी 50 हजार डॉलर्स का भुगतान अलग से किया जाए. फ्लावर्स पर आरोप था कि उन्होंने 59 साल की बार्था टार्डी, 42 साल के रॉबर्ट गोल्डन, 45 साल के कार्मेन रिग्बी और 16 साल के डेरेक स्टीवर्ट की हत्या की है. फ्लावर्स दो हफ्ते पहले ही इस फर्नीचर स्टोर में काम करने आया था. फ्लावर्स के केस में लापरवाही की बात भी सामने आई थी और उसे कई सालों तक आरोप ना साबित होने के बावजूद भी जेल में रखा गया था.
Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









