
'नए साल में साथ आ जाएं चाचा-भतीजे', सियासी अदावत पर बोलीं अजित पवार की मां
AajTak
नववर्ष के आगाज के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में डिप्टी सीएम अजित पवार और शरद पवार के फिर से साथ आने के कयास शुरू हो गए हैं. अजित पवार की मां आशा पवार की मां के बयान ने इन कयासों को और हवा दे दी है. आशा पवार ने क्या कहा है?
महाराष्ट्र की सियासत के पावरफुल परिवारों में से एक पवार फैमिली की पावर दो धड़ों में बंट चुकी है. करीब डेढ़ साल पहले अजित पवार ने विधायकों के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बगावत कर दी थी. शरद पवार की बनाई पार्टी दो धड़ों में बंट गई और कभी हमसाया रहे चाचा-भतीजे पहले हालिया लोकसभा चुनाव और फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आए. लोकसभा चुनाव में नतीजे शरद पवार के पक्ष में गए तो विधानसभा चुनाव में अजित ने चाचा की पार्टी को पटखनी दे दी. दो चुनावी फाइट के बाद अब नए वर्ष में चाचा-भतीजे की पार्टियों को लेकर नई चर्चा छिड़ गई है.
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम अजित की मां आशा पवार ने नववर्ष की बधाई देते हुए कहा है कि नया साल सभी के लिए अच्छा हो. उन्होंने ये भी कहा है कि सभी पारिवारिक विवाद खत्म हो जाएं और दादा (अजित पवार) के पीछे लगी हर आपदा खत्म हो जाए. आशा पवार ने परिवार और पार्टी को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने शरद पवार और अजित पवार के फिर से साथ आने की कामना करते हुए कहा कि मैंने भगवान विट्ठल से यही प्रार्थना की है.
यह भी पढ़ें: क्या फिर साथ आएंगे अजित और शरद पवार? परिवार के इस सदस्य के बयान से लगने लगीं अटकलें
गौरतलब है कि अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (एपी) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन महायुति में शामिल है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी इसी गठबंधन में शामिल है. शरद पवार ने अपनी ही बनाई पार्टी पर कब्जे की जंग में अजित से पिछड़ने के बाद एनसीपी (एसपी) नाम से नई पार्टी बना ली थी.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्रः नाराज चल रहे छगन भुजबल को अजित पवार से ज्यादा उम्मीद फडणवीस से क्यों?
शरद पवार की पार्टी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल है. अजित पवार और शरद पवार की पार्टियां महाराष्ट्र की सियासत के दो ध्रुव माने जाने वाले गठबंधनों में शामिल हैं. दोनों नेता, दोनों दल क्या फिर से साथ आएंगे? अजित पवार की मां के बयान के बाद अब इसे लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो गया है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.









