धर्मांतरण विरोधी क़ानून के बचाव में योगी सरकार ने कहा- व्यक्तिगत हित पर समुदाय के हित को तरजीह
The Wire
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में दायर एक हलफ़नामे में यूपी सरकार ने यह टिप्पणी की है. सरकार ने यह भी कहा कि धर्मांतरण विरोधी अधिनियम 'सार्वजनिक हित की रक्षा करता है' और 'सार्वजनिक व्यवस्था' बनाए रखता है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने धर्मांतरण विरोधी कानून का बचाव करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा कि ‘यह एक स्थापित नियम है कि समुदाय के हित को व्यक्तिगत हित के ऊपर रखा जाता है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष सचिव (गृह) अटल कुमार राय द्वारा दायर एक हलफनामे में ये टिप्पणी की है. कोर्ट उत्तर प्रदेश में अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.
हलफनामे में कहा गया है जब कभी कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत अधिकारों का इस्तेमाल कर दूसरे संप्रदाय में जाता है, तो उसे वहां उस धर्म के नियमों, मान्यताओं के कारण जटिलताओं का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति में व्यक्ति को समानता और सम्मान नहीं मिलता है और उसे इनसे समझौता करना पड़ता है.
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, क्या होता है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करते समय व्यक्ति अपनी गरिमा और उस धर्म की समानता को खो देता है जिसे वह नहीं अपनाता है, लेकिन दूसरे के सदस्य के समाज में रहकर किसी प्रकार का लाभ लेने की कोशिश कर रहा होता है.’