देश में एक साथ कैसे हो सकते हैं लोकसभा और विधानसभा चुनाव? ये हैं 3 विकल्प
AajTak
एक देश-एक चुनाव पर फिर बहस शुरू हो गई है. वजह ये है कि मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. और माना जा रहा है कि इस सत्र में एक देश-एक चुनाव से जुड़ा बिल लाया जा सकता है. ऐसे में जानते हैं कि हमारे देश में एक साथ चुनाव कैसे हो सकते हैं? ये मुमकिन है भी या नहीं?
क्या देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ होने वाले हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि सरकार ने शायद एक-साथ चुनाव कराने का मूड बना लिया है. दरअसल, मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. ये सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. बताया जा रहा है कि इस सत्र में 'एक देश-एक चुनाव' यानी 'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर बिल आ सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अक्सर एक देश-एक चुनाव की वकालत करते रहे हैं. पिछले महीने भी राज्यसभा में चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने एक देश-एक चुनाव को समय की जरूरत बताया था.
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये सब होगा कैसे? संसद के मॉनसून सत्र में सरकार ने इसका जवाब दिया था. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में बताया था कि साथ में चुनाव कराने के लिए संविधान के अनुच्छेद- 83, 85, 172, 174 और 356 में संशोधन करना होगा.
संशोधन क्यों?
अगस्त 2018 में एक देश-एक चुनाव पर लॉ कमीशन की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि देश में दो फेज में चुनाव कराए जा सकते हैं.
पहले फेज में लोकसभा के साथ ही कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव. और दूसरे फेज में बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव. लेकिन इसके लिए कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना होगा तो किसी को समय से पहले भंग करना होगा. और ये सब बगैर संविधान संशोधन के मुमकिन नहीं है.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.