देश में असहिष्णुता लंबे समय तक नहीं रहेगी, लोगों को मिलकर काम करना होगा: अमर्त्य सेन
The Wire
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोग अगर सहमत नहीं हैं या दूसरों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें पीटा जा रहा है. लोगों को मिलकर काम करना होगा. मतभेद दूर किए जाने चाहिए. हमें अपने बीच की दूरियों को कम करने की ज़रूरत है.
कोलकाता: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने रविवार को कहा कि भारत में वर्तमान में व्याप्त ‘असहिष्णुता का माहौल’ लंबे समय तक नहीं रहेगा और इसके खिलाफ लड़ने के लिए लोगों को एकजुट होना होगा.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रख्यात अर्थशास्त्री ने अमर्त्य सेन शोध केंद्र में अपने नाना क्षितिमोहन सेन की ‘युक्त साधना’ की अवधारणा पर कोलकाता में प्रतीची ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहेगी. लोग अगर सहमत नहीं हैं या दूसरों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें पीटा जा रहा है. लोगों को मिलकर काम करना होगा. मतभेद दूर किए जाने चाहिए. हमें अपने बीच की दूरियों को कम करने की जरूरत है.’
एक छात्र के सवाल के जवाब में सेन ने कहा, ‘क्या विविधता हमेशा अच्छी होती है? हाल ही में भारत में विविधता आई है जो पहले नहीं थी. विविधता के फायदे और नुकसान, दोनों को देखने की जरूरत है.’
एक शिक्षक द्वारा यह पूछे जाने पर कि ‘हम देश की विविधता को कैसे बरकरार रख सकते हैं’, सेन ने महात्मा गांधी के शब्दों की याद दिलाते हुए कहा, ‘गांधी ने आजादी की लड़ाई के शुरुआती दौर में कहा था कि हमें अपने बीच की दूरियों को कम करना चाहिए. दूसरों का सम्मान करने की हमारी क्षमता कम होती जा रही है और यह एक कारण है कि हम पिछड़ रहे हैं.’