देवताओं के अनादर के आरोप में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से एबीवीपी सदस्यों ने बदसलूकी की
The Wire
एक ऑनलाइन बहस के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर रविकांत चंदन ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर एक की किताब का हवाला दिया था, जिसमें उन कथित परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिसके तहत विवादित स्थान पर मंदिर नष्ट कर उसके स्थान पर एक मस्जिद बनाई गई थी. इस संबंध में पुलिस ने प्रोफेसर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने बीते मंगलवार (10 मई) को लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के एक प्रोफेसर की उन टिप्पणियों को लेकर उन्हें धमकाया और उनके साथ मारपीट की, जो उन्होंने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर किया था. After a professor of Lucknow Univ. produced evidence over the Gyanvyapi row during a TV debate, ABVP members assembled at the proctor's office at Lucknow university and raised slogans against the professor (Ravikant). FIR was registered against the professor. pic.twitter.com/0iLhS1AilR
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रवि कांत चंदन ने हिंदी समाचार मंच ‘सत्य हिंदी’ द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन बहस के दौरान की गईं टिप्पणियों के लिए हिंदुत्ववादी संगठन ने अपना गुस्सा जाहिर किया. — Urooj Khan TOI (@UroojkhanTOI) May 10, 2022
रविकांत चंदन ने बहस के दौरान आंध्र प्रदेश के एक स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक नेता पट्टाभि सीतारमैया की किताब ‘फेदर्स एंड स्टोन्स’ की एक कहानी का हवाला दिया था, जिसमें उन कथित परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिसके तहत विवादित स्थान पर एक मंदिर को नष्ट कर दिया गया था और उसके स्थान पर एक मस्जिद बनाई गई थी.
1946 में प्रकाशित ‘फेदर्स एंड स्टोन्स’ सीतारमैया द्वारा लिखी गई एक जेल डायरी है, जब उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अहमदनगर में अंग्रेजों द्वारा कैद किया गया था और लेखक ने इसे ‘हास्य, बुद्धि और ज्ञान की पुस्तक’ के रूप में वर्णित किया था.