दूसरे घर जैसा था कश्मीर प्रेस क्लब, हमारा आख़िरी सुरक्षित सहारा भी छिना: महिला पत्रकार
The Wire
15 जनवरी को एक नाटकीय घटनाक्रम में पत्रकार और अख़बार मालिकों के एक समूह ने सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में कश्मीर प्रेस क्लब पहुंचकर इस पर क़ब्ज़ा कर लिया था. बाद में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पत्रकारों के कई समूहों के बीच असहमति का हवाला देते हुए इसे अपने नियंत्रण में ले लिया.
श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में कुछ पत्रकारों द्वारा कश्मीर प्रेस क्लब (केपीसी) का ‘तख्तापलट’ किए जाने के बाद सरकार द्वारा अचानक केपीसी को अपने नियंत्रण में लेकर उसे बंद किए जाने का विशेष रूप से यहां की महिला पत्रकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
इन महिला पत्रकारों में से अधिकतर का मानना है कि उन्होंने अपना दूसरा घर खो दिया है. सरकार ने केपीसी को बंद कर 17 जनवरी को इसके परिसर के आवंटन को भी रद्द करने की घोषणा की थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए नागरिक समाज संगठनों, राजनीतिक दलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और एसोसिएशन द्वारा केपीसी का इस्तेमाल किया जाता रहा है.